नई दिल्ली: बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) प्रमुख मायावती ने ताज़ा प्रेस कॉन्फ्रेंस में भारत के भविष्य की राजनीति का रुख साफ़ कर दिया है. उत्तर प्रदेश समेत पूरे देश में दलितों की सबसे बड़ी नेता मायावती ने ऐलान किया कि वो मध्य प्रदेश में कांग्रेस को समर्थन देंगी. वहीं, उन्होंने ये भी कहा कि अगर राजस्थान में भी ज़रूरत पड़ी तो उनकी पार्टी कांग्रेस को समर्थन देने पर विचार करेगी.
मायावती ने साफ़ कहा कि उनका ये फ़ैसला पीएम नरेंद्र मोदी की भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को रोकने से जुड़ा है. उन्होंने कहा कि बीजेपी को रोकने के लिए उनकी पार्टी हर संभव कदम उठाने को तैयार है. आपको बता दें कि मध्य प्रदेश और राजस्थान दोनों ही राज्यों में बीएसपी ने कांग्रेस से अलग चुनाव लड़ा था. वहीं, छत्तीसगढ़ में उन्होंने पूर्व कांग्रेस नेता अजीत जोगी के साथ गंठबंधन बनाकर चुनाव लड़ा था.
एक तरफ जहां छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को प्रचंड बहुमत हासिल हुआ है, वहीं राजस्थान में पार्टी को साधारण बहुमत मिला है. लेकिन मध्य प्रदेश में 114 सीट हासिल करने वाली कांग्रेस की बहुमत की गाड़ी दो क़दम पहले यानी दो सीट से रुक गई है. पार्टी के लिए राहत की बात ये है कि मध्य प्रदेश में दो सीटें जीतने वाली मायावती ने ये साफ़ कर दिया है कि वो इसे समर्थन देंगी. अब इन तीनों राज्यों में कांग्रेस की सरकार बनती साफ़ नज़र आ रही है. इन तीनों राज्यों में से दो के मुख्यमंत्रियों का तो इस्तीफ़ा हो चुका है और एमपी के सीएम शिवराज सिंह चौहन भी इस्तीफा देने जा रहे हैं.
इसी के साथ ये भी साफ़ हो गया कि 2019 आम चुनावों में गठबंधन की सूरत कैसी होगी. जो मायावती अभी कह रही हैं कि वो बीजेपी को रोकने के लिए कांग्रेस के साथ जाने को तैयार हैं, ज़ाहिर सी बात है वो 2019 में भी इससे नहीं हिचकेंगी. वहीं, 80 लोकसभा सीटों वाले उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी का भी ऐसा ही रुख जान पड़ता है.
इससे और विपक्षी एकता मंच पर राहुल के साथ लगातार नज़र आ रहे लेफ्ट समेत बाकी के तमाम विपक्षी दलों के नेताओं की तस्वीर से ये साफ़ हो गया है कि 2019 की लड़ाई राहुल के संभावित महागठबंधन बनाम मोदी की बीजेपी की होगी.
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