नई दिल्लीः 5 राज्यों के चुनावी नतीजों में इस बार कई नेताओं को भारी उलटफेर का सामना करना पड़ा है और कई ऐसे नेताओं को हार का मुेह देखना पड़ा है जो दशकों से उस सीट पर वर्चस्व कायम किए हुए थे. यूपी के नतीजों में कई दिग्गजों ने जहां सालों के बाद हार का मुंह देखा वहीं कई नेताओं ने दल बदल कर जीत का स्वाद चख लिया.


यूपी में हुआ भारी उलटफेर


बीजेपी में गईं रीता बहुगुणा जोशी ने उत्तर प्रदेश के लखनऊ से जीत हासिल की है. कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष थीं और चुनावों से पहले दल बदल कर बीजेपी में शामिल हो गई थीं. मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव बीजेपी रीता बहुगुणा जोशी से 33 हजार वोटों से हार गई हैं.


लखनऊ की सरोजनी नगर सीट से बीजेपी उम्मीदवार स्वाति सिंह ने जीत दर्ज की है.


मथुरा सीट से प्रदीप माथुर जो काँगेस के विधायक दल के नेता भी थे वो चुनाव हार गए हैं.


भरतीय जनता पार्टी (भाजपा) की गरिमा सिंह ने अमेठी सदर सीट से समाजवादी पार्टी (सपा) के उम्मीदवार गायत्री प्रजापति को 4,971 मतों से हरा दिया. कांग्रेस की अमिता सिंह तीसरे स्थान पर रहीं. समाजवादी पार्टी के नेता गायत्री प्रजापति रेप केस में अभियुक्त हैं और उन्हें यूपी चुनावों में करारी हार का सामना करना पड़ा है.


कांग्रेस के नेता अजय राय जो 5 बार से पिंडारा विधानसभा चुनाव जीत रहे थे इस बार उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा है. इन्होंनें लोकसभा चुनाव में भी पीएम मोदी के खिलाफ बनारस सीट से लोकसभा का चुनाव लड़ा था.


कांग्रेस के कुंवर जितिन प्रसाद को तिलहर सीट पर हार का मुंह देखना पड़ा है.


मेरठ विधानसभा सीट से बीजेपी के कद्दावर नेता लक्ष्मीकांत वाजपेयी हार गए हैं और बसपा के रशीद अंसारी ने इस सीट पर जीत हासिल की है.


उत्तराखंड


उत्तराखंड में मुख्यमंत्री हरीश रावत हार गए हैं और हरिद्वार ग्रामीण सीट और किच्छा दोनों जगहों से उन्हें हार हाथ लगी है.


गोवा 
गोवा के वर्तमान मुख्यमंत्री लक्ष्मीकांत पारसेकर को भी हार का मुंह देखना पड़ा है जबकि बीजेपी के दोबारा सत्ता में लौटने के बाद इन्हें ही अगले सीएम का दावेदार कहा जा रहा था. पारसेकर को मनोहर पर्रिकर के केंद्रीय मंत्री बनने के बाद नवंबर, 2014 में गोवा का मुख्यमंत्री बनाया गया था.


मणिपुर
मणिपुर में अपनी नई पार्टी बनाकर चुनाव लड़ने वाली इरोम शर्मिला को भी मुख्यमंत्री इबोबी सिंह के सामने हार का मुंह देखना पड़ा.