देश का मू़डः गुजरात से बीजेपी के लिए अच्छी खबर, बना रहेगा राज्य में वर्चस्व
गुजरात बीजेपी का गढ़ माना जाता है और पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी वहां सरकार बनाने में सफल हुई. साल 2014 के लोकसभा चुनाव में भी बीजेपी ने वहां बड़ी सफलता हासिल की थी.
नई दिल्लीः साल 2019 के लोकसभा चुनावों की आहट सुनाई देने लगी है. लोकसभा चुनाव होने में एक साल से कम वक्त बचने के चलते चुनावी सरगर्मियां तेजी से बढ़ रही हैं. देश के कई राज्यों में इस साल और अगले साल विधानसभा चुनाव भी हैं तो चुनावों के समय देश का मूड क्या होगा इसके लिए एबीपी न्यूज और लोकनीति सीएसडीएस ने मिलकर देश के कई राज्यों में सर्वे कराया है और देश का मूड जानने की कोशिश की.
गुजरात बीजेपी का गढ़ माना जाता है और पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी वहां सरकार बनाने में सफल हुई. साल 2014 के लोकसभा चुनाव में भी बीजेपी ने वहां बड़ी सफलता हासिल की थी. हालांकि अगर अभी गुजरात में चुनाव होते हैं तो वहां कैसी तस्वीर हो सकती है इसको लेकर सर्वे में बीजेपी के लिए कुछ चिंता की खबर आई है.
गुजरात में आज चुनाव हुए तो क्या होगा अगर गुजरात में आज चुनाव होते हैं तो बीजेपी के वोट शेयर में मामूली गिरावट देखने को मिल रही है. वहां अभी चुनाव होने की सूरत में बीजेपी को 54 फीसदी वोट शेयर मिल सकता है जबकि साल 2014 में पार्टी का वोट शेयर 59 फीसदी था. इस तरह अभी भी बीजेपी 50 फीसदी से ज्यादा वोट शेयर हासिल करती दिख रही है.
गुजरात में कांग्रेस के वोट शेयर में अच्छी बढ़त देखने को मिल रहा है और ये 44 फीसदी पर पहुंचता दिख रहा है जो साल 2014 में 33 फीसदी था. इसके अलावा अन्य के वोट शेयर में कमी आती दिख रही है और ये 4 फीसदी पर सिमटता दिख रहा है जो कि साल 2014 में 8 फीसदी पर था.
गुजरात प्रधानमंत्री मोदी की कर्मस्थली रही है और यहां उन्होंने मुख्यमंत्री के तौर पर लंबे वक्त तक शासन किया है. प्रधानमंत्री बनने से पहले वो गुजरात के सीएम के तौर पर काफी लोकप्रियता हासिल कर चुके थे और गुजरात में बीजेपी के लिए मोदी का नाम ही काफी है. अब ऐसे में अगर आज चुनाव होते हैं तो साफ दिख रहा है कि यहां अभी भी पीएम मोदी की पॉपु्लरिटी में कोई कमी नहीं आई है.
कैसे हुआ सर्वे?- मोदी सरकार के चार साल पूरे होने पर एबीपी न्यूज़ ने CSDS-लोकनीति के साथ देश का मूड जानने की गई. ये सर्वे 28 अप्रैल 2018 से 17 मई 2018 के बीच किया गया है, 19 राज्यों में 700 जगहों की 175 लोकसभा सीटों पर जाकर 15859 लोगों की राय ली गई.