Elections In 2022: राजनीतिक दलों का कैसा रहा प्रदर्शन, किस पार्टी के सिर पर सजा ताज, किसकी रही कांटों भरी राह, जानें विस्तार से
Elections In 2022: इस साल 7 राज्यों में विधानसभा चुनाव हुए. इनमें से 5 में बीजेपी, एक में कांग्रेस और एक में AAP की सरकार बनी. बीजेपी के लिए ये साल सुनहरा रहा, वहीं कांग्रेस की राह कांटों भरी रही.
Elections In 2022: इस साल उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, पंजाब, मणिपुर, गोवा, हिमाचल प्रदेश और गुजरात में विधानसभा चुनाव हुए. इसके अलावा 2022 में अलग-अलग राज्यों की 28 विधानसभा और 5 लोकसभा सीटों पर भी उपचुनाव हुए.
चुनावी नतीजे कुछ राजनीतिक दलों के लिए खुशियों की सौगात बनी, तो कुछ पार्टियों के लिए मायूसी का सबब. ये साल बीजेपी के लिए कुछ राज्यों में ऐतिहासिक जीत के साथ सुकून भरा रहा, तो कांग्रेस के लिए कांटों भरी राह साबित हुई. ये साल समाजवादी पार्टी, बसपा (BSP) और शिरोमणि अकाली दल के लिए भी मुश्किल भरा रहा. आम आदमी पार्टी और टीएमसी के लिहाज से ये साल मिला-जुला साबित हुआ. वहीं दक्षिण राज्यों की बड़ी पार्टियों डीएमके, एआईडीएमके, टीआरएस, जेडीएस, वाईएसआर कांग्रेस और TDP को किसी बड़ी परीक्षा से नहीं गुजरना पड़ा.
2022 में 7 राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव
साल की शुरुआत में 5 राज्यों उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, पंजाब, मणिपुर, गोवा में विधानसभा चुनाव हुए. वहीं साल के आखिर में हिमाचल प्रदेश और गुजरात में चुनाव हुए. उत्तराखंड में 14 फरवरी को सभी 70 सीटों पर एक ही चरण में वोटिंग हुई. गोवा की सभी 40 विधानसभा सीट पर 14 फरवरी को मतदान हुआ. पंजाब में 20 फरवरी को सभी 117 सीटों पर एक ही फेज में वोट डाले गए. मणिपुर की 60 विधानसभा सीटों पर 28 फरवरी और 5 मार्च को दो फेज में वोट डाले गए. उत्तर प्रदेश में 10 फरवरी से लेकर 7 मार्च के बीच 7 चरणों में विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग हुई. इन सभी 5 राज्यों में 10 मार्च को मतगणना का काम किया गया. हिमाचल प्रदेश की सभी 68 सीटों पर 12 नवंबर को वोट डाले गए. गुजरात की 182 सीटों पर दो फेज में एक दिसंबर और 5 दिसंबर को वोट डाले गए. हिमाचल और गुजरात में 8 दिसंबर को नतीजे आए.
उत्तर प्रदेश में बीजेपी का चला जादू
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजों ने बीजेपी के चेहरे पर मुस्कान ला दी. वहीं समाजवादी पार्टी, कांग्रेस और बसपा के चेहरे पर मायूसियत छा गई. बीजेपी सत्ता बरकरार रखने में कामयाब रही और योगी आदित्यनाथ एक बार फिर से यूपी के मुख्यमंत्री बने. बीजेपी को राज्य की 403 सीट में से 255 सीटों (41.29% वोट) पर जीत मिली. सहयोगियों के साथ मिलकर बीजेपी ने 273 सीटों पर कब्जा जमा लिया. वहीं समाजवादी पार्टी के लिए राहत की बात ये रही कि वो 111 सीटों (32.06% वोट) पर जीत दर्ज कर मुख्य विपक्षी पार्टी बन सकी. उसे 2017 के मुकाबले 64 सीटों का फायदा हुआ. कभी उत्तर प्रदेश की बड़ी सियासी ताकत रही कांग्रेस और बसपा के लिए ये चुनाव किसी बुरे सपने जैसा रहा. कांग्रेस सिर्फ 2 सीट (2.33% वोट) और बसपा सिर्फ एक सीट (12.88% वोट) ही हासिल कर सकी. सपा के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ी जयंत चौधरी की पार्टी आरएलडी (RLD) 8 सीट (2.85% वोट) जीतने में कामयाब रही. बीजेपी सत्ता बरकरार रखने में जरूर कामयाब हुई, लेकिन 2017 के मुकाबले उसके प्रदर्शन में गिरावट देखने को मिली. 2017 के मुकाबले बीजेपी को 57 सीटों का मुकसान उठाना पड़ा. 2017 में बीजेपी ने 312 सीटों पर जीत दर्ज कर रिकॉर्ड कायम किया था.
उत्तराखंड में बीजेपी सत्ता बरकरार रखने में कामयाब
एंटी इनकंबेंसी और तीन मुख्यमंत्री बदलने के बावजूद 2022 में हुए चुनाव में उत्तराखंड के लोगों ने एक बार फिर बीजेपी पर भरोसा जताया. सीटों के नुकसान के बावजूद बीजेपी राजगद्दी बचाने में सफल रही और पुष्कर सिंह धामी फिर से उत्तराखंड के मुख्यमंत्री बनें. उत्तराखंड के चुनाव से कांग्रेस को मायूसी मिली. बीजेपी 70 में से 47 सीटों पर जीतने में कामयाब रही. उसे 44.33% वोट मिले. वहीं कांग्रेस 37.91 % वोट शेयर के साथ सिर्फ 19 सीटों पर ही जीत दर्ज कर सकी. बसपा को 4.82% वोट शेयर के साथ 2 सीटों पर जीत मिली. बसपा को 2017 के चुनाव में 7 प्रतिशत वोट मिले थे. यानी उत्तराखंड में BSP का जनाधार लगातार कम होता जा रहा है. हालांकि बीजेपी को 2017 के मुकाबले 10 सीटों का नुकसान हुआ और कांग्रेस को 8 सीटों का फायदा मिला. 2022 में आम आदमी पार्टी ने भी उत्तराखंड के दंगल में किस्मत आजमाई. उसने सभी 70 सीटों पर उम्मीदवार उतारे, लेकिन किसी भी सीट पर आम आदमी पार्टी को जीत नसीब नहीं हुई. उसके 68 उम्मीदवारों के जमानत तक जब्त हो गए. AAP के लिए राहत की बात ये रही कि उसे यहां 3.31% वोट मिल गए और उत्तराखंड की सियासत में खुद की पहचान बनाने का मौका मिल गया.
पंजाब को AAP के रूप में मिला नया विकल्प
2022 में हुए सभी विधानसभा चुनाव में से पंजाब का चुनाव बेहद दिलचस्प रहा. पंजाब की राजनीति में शुरुआत से कांग्रेस और शिरोमणि अकाली दल का वर्चस्व था. उसमें भी पिछले 25 साल से प्रकाश सिंह बादल और कैप्टन अमरिंदर सिंह ही पंजाब की सत्ता में बारी-बारी से राजगद्दी संभाल रहे थे. 2022 में पंजाब की सत्ता पर एक नए सितारे का उदय हुआ. अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की. राज्य की 117 में से 92 सीटों पर जीत दर्ज कर आम आदमी पार्टी ने रिकॉर्ड बना डाला. उसे 42 फीसदी वोट मिले. ये 1966 में पंजाब राज्य बनने के बाद 56 साल में किसी एक पार्टी की सबसे बड़ी जीत थी. तीन चौथाई से भी ज्यादा बहुमत हासिल कर आम आदमी पार्टी के भगवंत मान पंजाब के नए मुख्यमंत्री बनें.
पंजाब में कांग्रेस को भारी नुकसान
सितंबर 2021 में कैप्टन अमरिंदर सिंह को हटाकर चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री बनाना कांग्रेस के लिए अभिशाप साबित हुआ. कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कांग्रेस का दामन छोड़ दिया. कांग्रेस को इसका खामियाजा भी भुगतना पड़ा. कांग्रेस सिर्फ 18 सीटों (22.98% वोट) पर ही जीत हासिल कर पाई. कांग्रेस को 59 सीटों का नुकसान और आम आदमी पार्टी को 72 सीटों का फायदा हुआ. शिरोमणि अकाली दल 18 फीसदी से ज्यादा वोट हासिल करने के बावजूद सिर्फ 3 सीट ही जीत सकी. बीजेपी के लिए पंजाब में जनाधार बढ़ाने के मंसूबों पर पानी फिर गया. पंजाब में बीजेपी को किसान आंदोलन से भी नुकसान हुआ. शिरोमणि अकाली दल से अलग होकर चुनाव लड़ते हुए बीजेपी 6.6% वोटशेयर के साथ सिर्फ 2 सीट ही जीत सकी.
गोवा में बीजेपी का कमल लहराया
गोवा में बीजेपी पिछले 10 साल से जारी सत्ता को बरकरार रखने में कामयाब रही. गोवा की 40 में से 20 सीटों पर जीत दर्ज कर बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनी, लेकिन बहुमत से एक सीट दूर रह गई. बीजेपी को 33.31% वोट मिले. कांग्रेस 23.46% वोट के साथ सिर्फ 11 सीट ही जीत सकी. निर्दलीय और महाराष्ट्रवादी गोमंतक पार्टी (MGP) के सहयोग से बीजेपी ने सरकार बनाई और प्रमोद सावंत फिर गोवा के मुख्यमंत्री बने. टीएमसी से गठबंधन करके चुनाव लड़ी MGPको 2 सीट पर जीत मिली थी. वहीं निर्दलीय उम्मीदवारों के खाते में 3 सीटें गई थी. हालांकि सितंबर में कांग्रेस के 11 में से 8 विधायक बीजेपी में शामिल हो गए और 28 सीटों के साथ बीजेपी गोवा विधानसभा में स्पष्ट बहुमत वाली पार्टी बन गई. 2022 के चुनाव में आम आदमी पार्टी और ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने भी गोवा के सियासी दंगल में अपनी किस्मत आजमाई. आम आदमी पार्टी पहली बार यहां खाता खोलने में कामयाब रही. उसे 6.77% वोट शेयर के साथ 2 सीटों पर जीत मिली. वहीं टीएमसी का खाता भी नहीं खुला. हालांकि उसे 5.21% वोट जरूर हासिल हो गए.
मणिपुर में फिर से बीजेपी की सरकार
असम के बाद पूर्वोत्तर के 7 राज्यों में मणिपुर ऐसा राज्य है, जहां बीजेपी की सियासत जमीन बेहद मजबूत हो गई है. 2022 के विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी पर मणिपुर की जनता का भरोसा कायम रहा. लगातार दूसरी बार बीजेपी मणिपुर में सरकार बनाने में कामयाब हुई. 2022 में पहली बार बीजेपी 60 सदस्यीय विधानसभा में अकेले दम पर बहुमत हासिल करने में कामयाब हुई. बीजेपी को 32 सीटों (37.83% वोट) पर जीत मिली और एन बीरेन सिंह दोबारा मुख्यमंत्री बने. कांग्रेस सिर्फ 5 सीट ही जीत सकी. NPP को 7 , जेडीयू को 6 और NPF को 5 सीटों पर जीत मिली. 2022 में मणिपुर में बीजेपी को 11 सीटों का फायदा हुआ और उसके वोट शेयर में भी 2.73% का इजाफा हुआ. वहीं कांग्रेस को बड़ा झटका लगा. उसे 23 सीटों का नुकसान हुआ और उसका वोट शेयर में भी करीब 19 फीसदी की गिरावट आई.
गुजरात में बीजेपी का ऐतिहासिक प्रदर्शन
2022 में हुए विधानसभा चुनाव में गुजरात का चुनाव ऐसा रहा, जिसके नतीजे अंतरराष्ट्रीय सुर्खियां बन गई. गुजरात चुनाव बीजेपी के लिए ऐतिहासिक रहा, लेकिन कांग्रेस के लिए सदमा से कम नहीं रहा. वहीं आम आदमी पार्टी के रूप में गुजरात की जनता को एक नया विकल्प दिखा. बीजेपी ने 182 में से 156 सीटें जीतकर पुराने सभी रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिए. राज्य की करीब 86 फीसदी सीट पर बीजेपी ने कब्जा जमाया. बीजेपी को पिछली बार से 57 सीटें ज्यादा मिली. वोट शेयर की बात करें तो 52.50 फीसदी वोट बीजेपी को मिले हैं. पिछले विधानसभा चुनाव के मुकाबले इस बार बीजेपी के वोट शेयर में करीब साढ़े तीन प्रतिशत का उछाल आया. बीजेपी लगातार सातवीं बार गुजरात की सत्ता को बरकरार रखने में कामयाब रही और भूपेन्द्र पटेल दोबारा मुख्यमंत्री बने. बीजेपी यहां 1995 से सत्ता में है.
गुजरात में कांग्रेस का सपना टूटा
गुजरात चुनाव नतीजों से कांग्रेस का बीजेपी को सत्ता से हटाने का सपना टूट गया. बीजेपी के शानदार प्रदर्शन से इस बार गुजरात की राजनीति से कांग्रेस का एक तरह से सफाया हो गया. सालों तक गुजरात की सत्ता पर राज करने वाली कांग्रेस मात्र 17 सीटों पर सिमट गई है. कांग्रेस को 2017 के मुकाबले 60 सीटों का नुकसान हुआ. कांग्रेस को 14 फीसदी से ज्यादा वोट शेयर का नुकसान हुआ.
गुजरात में AAP का खुला खाता
आम आदमी पार्टी ऐसे तो दावा कर रही थी कि इस बार वो गुजरात में बीजेपी को सत्ता से दूर कर देगी. आम आदमी पार्टी का ये सपना दूर की कौड़ी साबित हुई. ये जरूर है कि 2022 चुनाव में गुजरात से आम आदमी पार्टी को बहुत कुछ हासिल हुआ. आम आदमी पार्टी 5 सीटें जीतने में कामयाब हुई. उसे 12.82 % वोट हासिल हुए. इस प्रदर्शन की वजह आम आदमी पार्टी 2022 में राष्ट्रीय पार्टी बन गई.
हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस के सिर ताज
हर जगह से मात खाने वाली कांग्रेस के लिए हिमाचल प्रदेश के नतीजों ने मुस्कान देने का काम किया. वहीं बीजेपी के लिए मायूसी लाई. 2022 के नवंबर में हुए हिमाचल विधानसभा चुनाव में कांग्रेस 68 में से 40 सीट जीतकर बहुमत हासिल करने में कामयाब रही. उसे 18 सीटों का फायदा मिला. वहीं बीजेपी सिर्फ 25 सीटों पर ही जीत दर्ज कर पाई और सत्ता से बाहर हो गई. बीजेपी को 18 सीटों का नुकसान हुआ. हिमाचल के चुनाव में इस बार एक दिलचस्प पहलू देखने को मिला. कांग्रेस और बीजेपी के वोटशेयर में एक फीसदी से भी कम का फर्क रहा. कांग्रेस 43.90% और बीजेपी 43% वोट मिले. इसके बावजदू कांग्रेस को बीजेपी से 15 ज्यादा सीटें मिली. ऐसे हिमाचल में 1985 से सत्ता बदल देने का रिवाज रहा है और 2022 के चुनाव में भी हिमाचल की जनता ने इस रिवाज को कायम रखा. नतीजों के बाद कांग्रेस नेता सुखविंदर सिंह सुक्खू हिमाचल के मुख्यमंत्री बने. हिमाचल में आम आदमी पार्टी अपना जनाधार बनाने में कामयाब नहीं हुई. हिमाचल के सियासत में पहली बार उतरी आम आदमी पार्टी 67 सीटों पर चुनाव लड़ी, लेकिन उसके किसी भी उम्मीदवार को जीत नहीं मिली. उस राज्य में महज 46,270 वोट ही हासिल हुए.
7 में से 5 राज्यों में बीजेपी की सरकार
इन 7 राज्यों में से 5 में बीजेपी की सरकार बनी. इनमें उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, मणिपुर, गोवा, गुजरात शामिल हैं. वहीं एक राज्य हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनाने में कामयाब हुई. पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार बनी.
2022 में 5 लोकसभा सीटों पर हुए उपचुनाव
2022 में पश्चिम बंगाल, पंजाब और उत्तर प्रदेश की 5 लोकसभा सीटों पर उपचुनाव हुए. पश्चिम बंगाल के आसनसोल लोकसभा सीट पर 12 अप्रैल को उपचुनाव हुए. इस चुनाव में तृणमूल कांग्रेस को जीत मिली. टीएमसी के प्रत्याशी शत्रुघ्न सिन्हा ने बीजेपी की अग्निमित्रा पॉल (Agnimitra Paul) को 3 लाख से भी ज्यादा मतों के भारी अंतर से हराया. पजांब के संगरूर लोकसभा सीट पर 23 जून को उपचुनाव हुए. इस सीट पर आम आदमी पार्टी को झटका लगा. शिरोमणि अकाली दल ( अमृतसर) के सिमरनजीत सिंह मान (Simranjit Singh Mann) ने आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार गुरमेल सिंह (Gurmail Singh) को 5822 मतों से हरा दिया. पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के इस्तीफे के बाद संगरूर लोकसभा की सीट खाली हुई थी.
उत्तर प्रदेश की 3 लोकसभा सीटों पर उपचुनाव
उत्तर प्रदेश के रामपुर और आजमगढ़ लोकसभा सीट पर 23 जून को उपचुनाव हुए. आजम खान के गढ़ रामपुर लोकसभा सीट पर बीजेपी को जीत मिली. बीजेपी उम्मीदवार घनश्याम सिंह लोधी ने समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार असीम रजा को 42 हजार से ज्यादा वोटों से हरा दिया. सपा के गढ़ में आजमगढ़ में बीजेपी से सेंधमारी कर दी. बीजेपी उम्मीदवार दिनेश लाल यादव निरहुआ ने समाजवादी पार्टी के धर्मेंद्र यादव को 8,679 मतों से हरा दिया. आजमगढ़ से समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने 2019 में रिकॉर्ड मतों से जीत दर्ज की थी. 2022 में विधायक बनने के बाद उन्होंने आजमगढ़ लोकसभा सीट से इस्तीफा दे दिया था. साल के आखिर में मैनपुरी लोकसभा सीट पर उपचुनाव हुए. यहां 5 दिसंबर को वोटिंग हुई. 2022 जाते-जाते समाजवादी पार्टी के लिए कुछ अच्छा कर गया. मुलायम सिंह यादव के निधन से खाली हुई इस सीट पर समाजवादी पार्टी का कब्जा बरकरार रहा. अखिलेश यादव की पत्नी और सपा उम्मीदवार डिंपल यादव ने यहां से 2,88461 वोटों से रिकॉर्ड जीत दर्ज की. डिंपल यादव ने बीजेपी के रघुराज सिंह शाक्य को हराया.
2022 में 28 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव
2022 में 16 राज्यों की 28 विधानसभा सीटों पर भी उपचुनाव हुए. इनमें उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, छत्तीसगढ़, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान, महाराष्ट्र, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश , केरल, त्रिपुरा और असम की 28 विधानसभा सीटें शामिल हैं. इन 28 में से 11 सीटों पर बीजेपी को जीत मिली. वहीं कांग्रेस को 7 सीटों पर जीत मिली. बीजद (BJD) को दो सीटों पर जीत मिली. आरजेडी को दो सीटों पर जीत मिली
यूपी, बिहार और झारखंड में विधानसभा उपचुनाव
उत्तर प्रदेश के रामपुर सीट पर बीजेपी और खतौली सीट पर आरएलडी तो जीत मिली. वहीं यूपी के गोला गोकर्णनाथ सीट को बीजेपी बरकरार रखने में कामयाब रही. उत्तराखंड की चंपावत सीट पर बीजेपी उम्मीदवार और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को 55 हजार से ज्यादा वोटों से जीत मिली. बिहार की बोचहां विधानसभा सीट आरजेडी के खाते में गई. बिहार का मोकामा सीट आरजेडी के खाते में गया और गोपालगंज विधानसभा सीट पर बीजेपी को जीत मिली. बिहार के कुढ़नी विधानसभा सीट पर बीजेपी को जीत मिली. झारखंड की मांडर सीट पर कांग्रेस का कब्जा हुआ.
पश्चिम बंगाल, ओडिशा, हरियाणा और दिल्ली में उपचुनाव
पश्चिम बंगाल के बालीगंज विधानसभा उपचुनाव में टीएमसी नेता बाबुल सुप्रियो ने जीत दर्ज की. ओडिशा के ब्रजराजनगर (Brajarajnagar) सीट पर बीजू जनता दल की उम्मीदवार अलका मोहंती को बड़ी जीत मिली. ओडिशा के पदमपुर विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में बीजू जनता दल (BJD) ने बीजेपी को हराया. ओडिशा की धामनगर सीट को बीजेपी बरकरार रखने में कामयाब रही. हरियाणा की आदमपुर सीट बीजेपी के खाते में गई. दिल्ली की राजेन्द्र नगर विधानसभा सीट पर आम आदमी पार्टी का कब्जा बरकरार रहा.
छत्तीसगढ़, राजस्थान और महाराष्ट्र में उपचुनाव
छत्तीसगढ़ की खैरागढ़ विधानसभा सीट पर कांग्रेस का कब्जा बरकरार रहा. एसटी के लिए आरक्षित छत्तीसगढ़ के भानुप्रतापपुर विधानसभा सीट पर कांग्रेस को जीत मिली. राजस्थान के सरदारशहर विधानसभा सीट पर कांग्रेस ने बीजेपी उम्मीदवार को हराकर कब्जा किया. महाराष्ट्र की कोल्हापुर नार्थ सीट पर कांग्रेस का परचम लहाराया. महाराष्ट्र के अंधेरी ईस्ट विधानसभा सीट पर शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट की ऋतुजा लटके भारी मतों से विजयी हुई.
त्रिपुरा और असम में विधानसभा उपचुनाव
23 जून को त्रिपुरा की 4 विधानसभा सीटों अगरतला, टाउन बारदोली, सूरमा और जुबराजनगर पर भी उपचुनाव हुए. इनमें से तीन टाउन बारदोली, सूरमा और जुबराजनगर पर बीजेपी को जीत मिली. वहीं त्रिपुरा की अगरतला सीट कांग्रेस के खाते में गई. 7 मार्च को हुए उपचुनाव में असम की माजुली (Majuli) विधानसभा सीट बीजेपी के कब्जे में गई.
दक्षिण राज्यों में विधानसभा उपचुनाव
तेलंगाना की मुनूगोड़े सीट पर के चंद्रशेखर राव की पार्टी टीआरएस को जीत मिली. आंध्र प्रदेश की आत्मकुर (Atmakur) सीट पर वाईएसआर कांग्रेस पार्टी जीती. केरल की थ्रीक्काकारा (Thrikkakara) विधानसभा सीट पर कांग्रेस को जीत मिली.
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