मध्य प्रदेश: मध्य प्रदेश में तीन सीटों के लिए होने वाला राज्य सभा का चुनाव अब बीजेपी और कांग्रेस के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बन गया है. दोनों पार्टियों ने एलान किया है कि वो अपने दो उम्मीदवारों को चुनावी मैदान में उतारेंगे और जिताने की कोशिश करेंगे.
संख्या बल के हिसाब से देखा जाए तो सत्तारूढ़ पार्टी की पक्ष में दो सीटें आसानी से जीतने का गणित बन रहा है. मगर बीजेपी ने जोर लगा दिया है. हाल के राजनीतिक घटनाक्रम और कांग्रेस के विधायकों के पहले गुरुग्राम फिर बेंगलुरु जाने और वहां से मुश्किलों से वापस आने को इसी चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है.
मध्य प्रदेश में विधायकों की संख्या 228 है और किसी भी पार्टी को जीतने के लिए पहली प्राथमिकता 58 वोट चाहिए. विधायकों की संख्या के हिसाब से कांग्रेस के पास 114 विधायक हैं. उनकी पार्टी को चार निर्दलीय विधायकों के साथ दो बसपा और एक सपा विधयकों का भी सपोर्ट मिला है.
ऐसे में कांग्रेस दो सीटों के लिए 116 वोट से आगे निकल जाती है. उधर बीजेपी के पास 107 सीट हैं. ऐसे में उसे जीतने के लिए नौ सीटें चाहिए, जो मुश्किल लग रहा है.. मगर हाल के राजनितिक घटनाक्रम के बाद कांग्रेस घबराई हुई है. कोई भी विधायक क्रॉस वोटिंग कर सकता है.