Electoral Bonds Data: सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने निर्वाचन आयोग (इलेक्शन कमीशन) को चुनावी बॉन्ड से संबंधित पूरी जानकारी दे दी है. चुनाव आयोग से मिले आंकड़ों के मुताबिक, एसबीआई ने किसने चंदा दिया, किसने चंदा लिया और चंदे की रकम कितनी है, इन सभी जानकारियों को दे दिया है. चुनावी बॉन्ड की सबसे बड़ी लाभार्थी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) बनकर सामने आई है.
चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, बीजेपी को कुल 487 कंपनियों ने चंदा दिया जिसमें से टॉप 10 कंपनियों ने 2119 करोड़ रुपये का डोनेशन दिया. जो दूसरों की तुलना में सबसे ज्यादा है. पार्टी को चुनावी बॉन्ड से पिछले चार सालों में 6000 करोड़ रुपये से अधिक का चंदा मिला है. ये भुनाए गए 6,060 करोड़ रुपये के चुनावी बांड का 35 प्रतिशत है.
किस कंपनी ने किस पार्टी को कितना चंदा दिया?
1. निर्वाचन आयोग की ओर से जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, बीजेपी को हैदराबाद की मेघा इंजीनियरिंग ने 584 करोड़ रुपये, क्विक सप्लाई ने 395 करोड़ रुपये और फ्यूचर गेमिंग ने 100 करोड़ रुपये चंदा दिया.
2. आंकड़ों से पता चलता है कि डोनर नंबर 1 फ्यूचर गेम्स एंड होटल सर्विसेज लिमिटेड ने बीजेपी को केवल 100 करोड़ रुपये की फंडिंग की. जबकि इसके 1,368 करोड़ रुपये का तीन-चौथाई हिस्सा तृणमूल कांग्रेस (542 करोड़ रुपये) और डीएमके (503 करोड़ रुपये) के बीच लगभग समान रूप से विभाजित किया गया था.
3. डोनर नंबर 2 मेघा ग्रुप बीजेपी और कांग्रेस दोनों के लिए टॉप डोनर बनकर उभरा. ग्रुप की ओर से खरीदे गए 1,192 करोड़ रुपये के बॉन्ड में से बीजेपी को लगभग आधा यानी 584 करोड़ रुपये मिले, जबकि कांग्रेस 110 करोड़ रुपये मिले.
4. डोनर नंबर 3 कोलकाता बेस्ड एमकेजे ग्रुप की 4 कंपनियों ने 617 करोड़ रुपये के बॉन्ड खरीदे जिसमें बीजेपी को 372 करोड़ रुपये मिले, जबकि कांग्रेस को 161 करोड़ रुपये और तणमूल कांग्रेस (टीएमसी) को 47 करोड़ रुपये.
5. आरपीएसजी की आठ कंपनियों ने 584 करोड़ रुपये के बांड खरीदे, जिससे ये ग्रुप चौथा सबसे बड़ा डोनर बनकर सामने आया. ग्रुप की चार टॉप कंपनियों - हल्दिया एनर्जी (377 करोड़ रुपये), धारीवाल इंफ्रास्ट्रक्चर (115 करोड़ रुपये), फिलिप्स कार्बन (35 करोड़ रुपये) और क्रिसेंट पावर (34 करोड़ रुपये) ने मिलकर 561 करोड़ रुपये के बांड खरीदे. इसमें से तृणमूल को 419 करोड़ रुपये, बीजेपी को 126 करोड़ रुपये और कांग्रेस को 15 करोड़ रुपये मिले.
6. डोनर नंबर 5 आदित्य बिड़ला ग्रुप रहा जिसने 553 करोड़ रुपये के चुनावी बॉन्ड खरीदे. ग्रुप की टॉप तीन कंपनियों - एस्सेल माइनिंग (225 करोड़ रुपये), उत्कल एलुमिना इंटरनेशनल (145 करोड़ रुपये) और बिड़ला कार्बन (105 करोड़ रुपये) ने 475 करोड़ रुपये के बॉन्ड दिए. इसमें से 245 करोड़ रुपये बीजेडी को और 230 करोड़ रुपये बीजेपी को मिले.
7. सूची में अगला नाम रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड की सहयोगी कंपनी क्विक सप्लाई चेन प्राइवेट लिमिटेड का है, जिसने 410 करोड़ रुपये के बॉन्ड दिए. इसमें से बीजेपी को 375 करोड़ रुपये और शिवसेना को 25 करोड़ रुपये मिले.
8. बॉन्ड के सातवें सबसे बड़े खरीदार वेदांता लिमिटेड रही जिसने 401 करोड़ रुपये खर्च किए. जिसमें से बीजेपी 227 करोड़ रुपये जबकि कांग्रेस और बीजेडी को क्रमशः 125 करोड़ रुपये और 40 करोड़ रुपये मिले.
9. भारती ग्रुप की चार कंपनियों ने 247 करोड़ रुपये के बॉन्ड खरीदे. टॉप डोनर भारती एयरटेल लिमिटेड ने बांड पर 183 करोड़ रुपये खर्च किए. इसमें से बीजेपी को 197 करोड़ रुपये मिले. जिंदल की 4 कंपनियों ने बांड में 192 करोड़ रुपये का दान दिया. सबसे बड़े खरीदार जिंदल स्टील एंड पावर ने 123 करोड़ रुपये खर्च किए. इसमें बीजेडी को 100 करोड़ रुपये, जबकि कांग्रेस और बीजेपी को क्रमशः 20 करोड़ रुपये और 3 करोड़ रुपये मिले.
10. अहमदाबाद स्थित टोरंट ग्रुप ने तीन कंपनियों के जरिए 184 करोड़ रुपये का दान दिया. सबसे बड़े दानदाता टोरंट पावर लिमिटेड ने 107 करोड़ रुपये खर्च किए. इसमें से बीजेपी को 107 करोड़ रुपये मिले, जबकि कांग्रेस और आप को क्रमश: 17 करोड़ रुपये और 7 करोड़ रुपये मिले.
ये भी पढ़ें: Electoral Bonds: चुनाव आयोग ने सार्वजनिक किया चुनावी चंदे का डेटा, वेबसाइट पर डाली जानकारी