(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Electoral Bond Data: 'हमने माना SC का आदेश', डेटा दे बोला SBI- जो बॉन्ड नहीं कराए गए कैश, उनके पैसे PM रिलीफ फंड में गए
Electoral Bond Data: एसबीआई के चेयरमैन की ओर से सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया गया है, जिसके जरिए चुनावी बॉन्ड को लेकर जानकारी दी गई है.
Electoral Bond Data: इलेक्टोरल बॉन्ड (चुनावी बॉन्ड) से जुड़े मामले में भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन कर लिया है. बुधवार (13 मार्च, 2024) को एसबीआई की ओर से सर्वोच्च अदालत में हलफनामा दाखिल किया, जिसके जरिए बैंक के चेयरमैन दिनेश कुमार खारा ने बताया- हमने देश की सबसे बड़ी अदालत के आदेश का पालन किया है. चुनाव आयोग (ईसी) को चुनावी बॉन्ड के चंदे की जानकारी भी उपलब्ध करा दी है.
हलफनामे के जरिए एसबीआई ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि उसने चुनावी बॉन्ड की खरीद की तारीख, खरीददारों के नाम और रकम के डिटेल्स ईसी को सौंप दिए हैं. चुनावी बॉन्ड भुनाने की तारीख, चंदा हासिल करने वाले राजनीतिक दलों के नाम की जानकारी भी ईसी को दे दी गई है.
SBI ने SC को बताया कब-कितने खरीदे गए चुनावी बॉन्ड
एसबीआई ने सुप्रीम कोर्ट को यह भी बताया कि 14 अप्रैल 2019 से 15 फरवरी 2024 के बीच खरीदे और भुनाए गए चुनावी बॉन्ड के बारे में ईसी को डिटेल्स पहुंचा दिए गए हैं. एक अप्रैल 2019 से 15 फरवरी 2024 के बीच कुल 22,217 चुनावी बॉन्ड खरीदे गए, जबकि एक अप्रैल 2019 से 11 अप्रैल 2019 के बीच कुल 3,346 चुनावी बॉन्ड खरीदे गए और उनमें से 1,609 भुनाए गए.
जो इलेक्टोरल बॉन्ड नहीं कराए गए कैश उनका क्या हुआ?
एसबीआई के मुताबिक, "एक अप्रैल 2019 से 15 फरवरी 2024 के बीच 22,217 बांड खरीदे गए. इनमें से 22,030 इलेक्टोरल बॉन्ड्स को पार्टियों ने कैश कराया. जिन बॉन्ड को किसी ने कैश नहीं कराया उनके रुपए पीएम रिलीफ फंड में ट्रांसफर कर दिए गए." एसबीआई की ओर से इस बारे में जानकारी पासवर्ड प्रोटेक्टेड पीडीएफ फाइल के रूप में पेन ड्राइव के जरिए ईसी को सौंप दी है.
चुनावी बॉन्ड स्कीम पहले ही रद्द कर चुका है सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने 15 फरवरी, 2024 को ऐतिहासिक फैसले सुनाते हुए केंद्र की चुनावी बॉन्ड स्कीम को रद्द कर दिया था. देश की सबसे बड़ी अदालत ने तब इसे ‘‘असंवैधानिक’’ करार दिया था और ईसी को दान देने वालों, उनकी ओर से दान की गई रकम और उसे हासिल करने वालों का खुलासा करने का आदेश दिया था. एसबीआई की ओर से डिटेल्स का खुलासा करने के लिए 30 जून तक का समय मांगा था लेकिन सर्वोच्च अदालत ने बैंक की याचिका खारिज कर दी थी और उसे मंगलवार को कामकाजी समय खत्म होने तक सभी डिटेल्स ईसी को सौंपने को कहा था.