'चुनावी बॉन्ड केस दुनिया का सबसे बड़ा घोटाला', निर्मला सीतारमण के अर्थशास्त्री पति का बड़ा दावा- सरकार को यह भारी पड़ेगा!
Parakala Prabhakar on Electoral Bonds: इलेक्टोरल बॉन्ड को लेकर दिए परकला प्रभाकर के बयान से जुड़े वीडियो को एक्स पर इंडियन यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष श्रीनिवास बीवी ने शेयर किया है.
Lok Sabha Elections 2024: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के पति और अर्थशास्त्री परकला प्रभाकर ने चुनावी बॉन्ड मामले पर बड़ी टिप्पणी की है. उन्होंने दावा किया कि यह सिर्फ देश का सबसे बड़ा घोटाला नहीं बल्कि दुनिया का सबसे स्कैम है.
न्यूज चैनल 'रिपोर्टर टीवी' से बातचीत के दौरान वह बोले- मुझे लगता है कि चुनावी बॉन्ड का मुद्दा बहुत अहम मुद्दा बनेगा. बीजेपी की लड़ाई विपक्षी दलों या फिर और पार्टियों से नहीं होगी बल्कि इस मुद्दे के चलते असल लड़ाई बीजेपी और भारत के लोगों के बीच नजर आएगी.
'मोदी सरकार को कड़ी सजा देंगे वोटर्स'
पत्रकार से वित्त मंत्री के पति ने आगे कहा, "मुझे लगता है कि इलेक्टोरल बॉन्ड से जुड़ा मामला आज की तुलना में कहीं अधिक जोर पकड़ेगा. यह तेजी से आम लोगों तक पहुंच रहा है. अब हर कोई धीरे-धीरे समझ रहा है कि यह भारत का ही नहीं बल्कि दुनिया का सबसे बड़ा घोटाला है. ऐसे में मुझे लगता है कि इस मुद्दे के कारण इस सरकार को मतदाताओं की ओर से कड़ी सजा दी जाएगी."
FM निर्मला सीतारमण के पति के बारे में जानिए
वित्त मंत्री के पति परकला प्रभाकर जाने-माने अर्थशास्त्री हैं. वह साल 2014 से 2018 तक आंध्र प्रदेश सरकार को सेवाएं दे चुके हैं, जबकि कम्युनिकेशंस एडवाइजर भी रहे हैं. आंध्र प्रदेश के पश्चिमी गोदावरी जिला के नरसापुरम में दो जनवरी, 1959 को जन्मे परकला प्रभाकर लंदन स्कूल ऑफ इकनॉमिक्स एंड पॉलिटिकल साइंस से साल 1991 में पढ़े हैं. उन्होंने इसके अलावा कुछ किताबें भी लिखी हैं.
चुनावी बॉन्ड के जरिए किसे मिला सर्वाधिक चंदा?
चुनावी बॉन्ड के जरिए देश के उद्योगों और कुछ लोगों से व्यक्तिगत स्तर पर 2019 से अब तक राजनीतिक पार्टियों को 1,27,69,08,93,000 रुपए दान में मिले थे. यह खुलासा तब हुआ था, तब चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) से मिले आंकड़े वेबसाइट पर सार्वजनिक किए थे. डेटा के मुताबिक, सियासी दलों ने पांच साल में कुल 20,421 चुनावी बॉन्ड भुनाए, जिनमें 12,207 एक-एक करोड़ रुपए के; 5,366 बॉन्ड 10-10 लाख रुपए के; 2,526 एक-एक लाख रुपए के; 219 बॉन्ड 10-10 हजार रुपए के और 103 एक-एक हजार रुपए के थे.
सबसे ज्यादा 60,60,51,11,000 रुपए भाजपा की झोली में गए जो कुल राशि का लगभग आधा है. पार्टी ने एक करोड़ रुपए के 5,854 बॉन्ड और 10 लाख रुपए के 1,994 बॉन्ड भुनाए थे. उसने एक लाख और 10 हजार रुपए के अलावा 31 बॉन्ड एक-एक हजार रुपए के भी कैश कराए. दूसरे नंबर पर तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने 16,09,50,14,000 रुपए के 3,275 चुनावी बॉन्ड भुनाए जिनमें 1.467 एक-एक करोड़ रुपए के और 1,384 बॉन्ड 10-10 लाख रुपए के थे, जबकि कांग्रेस ने 14,21,86,50,000 करोड़ रुपए के 3.141 चुनावी बॉन्ड भुनाए. इनमें 1.318 एक-एक करोड़ रुपए के और 958 बॉन्ड 10-10 लाख रुपए के थे.
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