Electoral Bond Data: '2019-24 तक खरीदे 22,217 चुनावी बॉन्ड, 22,030 बॉन्ड कराए कैश', 'सुप्रीम' फटकार के बाद बोला SBI
Electoral Bond Case: सुप्रीम कोर्ट की ओर से गत 15 फरवरी, 2024 को केंद्र सरकार की चुनावी बॉन्ड योजना को रद्द करने का ऐतिहासिक फैसला सुनाया था और इस योजना को 'असंवैधानिक' करार दिया था.
SBI Electoral Bond Data: चुनावी बॉन्ड मामले में सुप्रीम कोर्ट के कड़ी फटकार लगने के बाद भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने योजना से जुड़ा पूरा डेटा भारत के निर्वाचन आयोग (ECI) को सौंप दिया है. इस बाबत एसबीआई ने (13 मार्च) को शीर्ष अदालत में एक हलफनामा दायर कर जानकारी दी है. एसबीआई की ओर से यह पूरी डिटेल्स चुनाव आयोग को पेन ड्राइव के माध्यम से सौंपी गई है. कोर्ट को अवगत कराया कि पूरे डेटा को दो पीडीएफ फाइल्स में दिया गया है जोकि पासवर्ड प्रोटेक्टेड है.
एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट में दायर हलफनामा में बैंक ने बताया है कि योजना को रद्द करने से पहले अप्रैल 2019 से 15 फरवरी 2024 के बीच में कुल 22,217 चुनावी बॉन्ड जारी किए गए थे. इसमें से राजनीतिक दलों की ओर से 22,030 बॉन्ड्स को कैश कराया था. बैंक ने बिना कैश कराए गए बॉन्ड्स के बारे में सुप्रीम कोर्ट को अवगत कराया है. बैंक ने कोर्ट को जानकारी दी कि बाकी 187 बॉन्ड्स को कैश करा लिया गया है और इसकी राशि को नियमों के अंतर्गत प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (Prime Minister National Relief Fund) में जमा करा दिया गया.
सुप्रीम कोर्ट रद्द कर चुका है चुनावी बॉन्ड योजना
सुप्रीम कोर्ट की तरफ से रद्द की जा चुकी चुनावी बॉन्ड योजना के अंतर्गत डोनर्स अपनी पसंद की पार्टियों को डोनेशन देने के लिए बॉन्ड खरीद सकते हैं, लेकिन पार्टियों को 15 दिनों के भीतर इस बॉन्ड को कैश कराना होता है. अगर ऐसा नहीं किया जाता है तो इसकी रकम प्रधानमंत्री राहत कोष में चली जाती है.
बॉन्ड योजना पर सुप्रीम कोर्ट ने 15 फरवरी को सुनाया था फैसला
वहीं, सुप्रीम कोर्ट की ओर से गत 15 फरवरी, 2024 को ऐतिहासिक फैसला सुनाया था और केंद्र सरकार की चुनावी बॉन्ड योजना को रद्द करते हुए इसको 'असंवैधानिक' करार दिया था. साथ ही चुनाव आयोग को डोनेशन देने वालों, उनकी ओर से डोनेट की गई राशि और उसे हासिल करने वालों का पूरा खुलासा करने का आदेश दिया था.
एसबीआई को डेटा जमा करने की दी थी 6 मार्च की पहली डेडलाइन
कोर्ट ने इस योजना को सूचना के अधिकार का उल्लंघन भी बताया था. कोर्ट ने एसबीआई के लिए डेटा जमा करने के लिए 6 मार्च की समय सीमा निर्धारित की थी और ईसी को इसे 13 मार्च तक पब्लिक डोमेन में लाने को कहा था. एसबीआई ने कोर्ट से 30 जून तक की मोहलत मांगी थी जिसको सोमवार (11 मार्च, 2024) को खारिज कर दिया था और 12 मार्च शाम 5 बजे तक ईसी को डेटा देने का आदेश दिया था.