एक्सप्लोरर

कालेधन को बढ़ावा, RTI का उल्लंघन और अपारदर्शिता, ये हैं गुमनाम इलेक्टोरल बॉन्ड पर CJI डीवाई चंद्रचूड़ के 5 सख्त कमेंट

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि किसी व्यक्ति के योगदान की तुलना में किसी कंपनी से पॉलिटिकल पार्टी को मिले चंदे का ज्याद गंभीर असर पड़ता है. कोर्ट ने कहा कि गुमनाम इलेक्टोरल बॉन्ड धारा 182 (3) के खिलाफ है.

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार (15 फरवरी, 2024) को इलेक्टोरल बॉन्ड योजना पर रोक लगा दी. काफी समय से यह मामला कोर्ट में लंबित था. कल सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्टोरल बॉन्ड को असंवैधानिक करार देते हुए उस पर रोक लगा दी है. कोर्ट ने कहा कि इलेक्टोरल बॉन्ड सूचना का अधिकार यानी आरटीआई का उल्लंघन है. वोटर्स को पार्टियां की फंडिंग के बारे में जानने का अधिकार है. कोर्ट ने कहा कि गुमनाम इलेक्टोरल बॉन्ड से कालेधन पर रोक नहीं लगेगी. उसे बढ़ावा ही मिलेगा. इस आधार पर आंख नहीं मूंद सकते कि दुरुपयोग की संभावना है. कालेधन पर रोक लगाना चुनावी बॉन्ड का आधार नहीं हो सकता. 

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 29(सी)(एक) (वित्त अधिनियम 2017 की धारा 137 द्वारा संशोधित) और कंपनी अधिनियम की धारा 182(तीन) (वित्त अधिनियम 2017 की धारा 11 द्वारा संशोधित) के प्रावधान अनुच्छेद 19(एक)(ए) के खिलाफ एवं असंवैधानिक हैं. मामले की सुनवाई सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की पांच सदस्यीय पीठ कर रही थी. पीठ में जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बी आर गवई, जस्टिस जे बी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा शामिल थे. फैसला सुनाते हुए सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कई सख्त टिप्पणी कीं. आइए जानते हैं क्या हैं वो 5 सख्त कमेंट, जो सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने इलेक्टोरल बॉन्ड मामले पर सुनवाई के दौरान किए-

1. सूचना के अधिकार का उल्लंघन (RTI)
मामले पर सुनवाई के दौरान सबसे बड़ी बहस इस मुद्दे पर थी कि किसी पॉलिटिकल पार्टी को मिलने वाले चंदे क जानकारी आम लोगों को मिलनी चाहिए या नहीं. इससे पहले 2 नवंबर को सुनवाई करते हुए कोर्ट ने इस बात पर आपत्ति जताई थी कि वोटर्स को चंदा देने वाले की पहचान जानने का अधिकार नहीं है. कोर्ट ने इसे सूचना के अधिकारी का उल्लंघन माना.  

कल सुनवाई के दौरान सीजेआई चंद्रचूड़ ने इसे लेकर सख्त टिप्पणी करते हुए कहा, 'चुनावी बॉन्ड योजना और विवादित प्रावधान ऐसे हैं कि वे चुनावी बॉन्ड के माध्यम से योगदान को गुमनाम बनाते हैं और मतदाता के सूचना के अधिकार का उल्लंघन करते हैं, साथ ही अनुच्छेद 19(1)(ए) का भी उल्लंघन करते हैं.' उन्होंने कहा कि चंदा देने वालों की जानकारी सार्वजनिक नहीं करना नियमों के खिलाफ है और ये मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है. सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि नागरिकों की निजता के मौलिक अधिकार में राजनीतिक गोपनीयता, संबद्धता का अधिकार भी शामिल है

2. एसबीआई और इलेक्शन कमीशन को दिए निर्देश
कोर्ट ने इस बात पर भी आपत्ति जताई कि योजना के तहत किससे किस पार्टी को कितना चंदा मिला इसकी जानकारी चुनाव आयोग को नहीं होती है. इसे लेकर कोर्ट ने इेलेक्शन कमीशन और भारतीय स्टेट बैंक को निर्देश दिए. सीजेआई चंद्रचूड़ ने लोकसभा चुनाव से पहले आए इस फैसले में योजना को तत्काल बंद करने और योजना के लिए अधिकृत वित्तीय संस्थान भारतीय स्टेट बैंक (SBI) को 12 अप्रैल, 2019 से अब तक खरीदे गए चुनावी बॉन्ड का विस्तृत ब्योरा छह मार्च तक निर्वाचन आयोग को सौंपने का निर्देश दिया.

सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार, निर्वाचन आयोग 13 मार्च तक अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर छह वर्ष पुरानी इस योजना में दान देने वालों के नामों की जानकारी उपलब्ध कराएगा. एसबीआई ही इलेक्टोरल बॉन्ड जारी करता है. कोर्ट ने यह भी कहा कि जितने चुनावी बॉन्ड अभी तक भुनाए गए हैं वो बैंक को वापस कर दिए जाएं. कोर्ट ने कहा कि एसबीआई को राजनीतिक दलों को भुगतान कराए गए सभी चुनावी बॉण्ड का ब्योरा देना होगा. इस ब्योरे में यह भी शामिल होना चाहिए कि किस तारीख को यह बॉन्ड भुनाया गया और इसकी राशि कितनी थी.

3. कालेधन को बढ़ावा
सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि इस तरह की खरीद से कालेधन को बढ़ावा मिलेगा. कालेधन को रोकने के लिए अन्य विकल्प हैं. उन्होंने कहा, 'चुनावी बॉन्ड योजना ही चुनाव में काले धन पर अंकुश लगाने का एकमात्र साधन नहीं है. ऐसे अन्य विकल्प भी हैं जो इस उद्देश्य को काफी हद तक पूरा करते हैं और सूचना के अधिकार पर चुनावी बॉन्ड के प्रभाव की तुलना में सूचना के अधिकार को कम प्रभावित करते हैं.'

सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि सरकार के लोकतांत्रिक स्वरूप को बनाए रखने के लिए चुनाव प्रक्रिया की अखंडता महत्वपूर्ण है और संविधान भी स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के संचालन को उच्च प्राथमिकता देता है. पीठ ने कहा कि चुनावी बॉन्ड आर्थिक रूप से साधन संपन्न दानदाताओं को जनता के सामने चयनात्मक गुमनामी प्रदान करते हैं, न कि राजनीतिक दल के सामने.

4. अनुच्छेद 19 (A) का उल्लंघन है
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि गुमनाम इलेक्टोरल बॉन्ड संविधान के अनुच्छेद 19 (1)(A) का उल्लंघन है. सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि गुमनाम चुनावी बॉन्ड संविधान के अनुच्छेद 19(1)(ए) के तहत बोलने और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का उल्लंघन है. अनुच्छेद 19 (1)(A) नागरिकों को भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार देता है. यह स्वतंत्रता मौखिक, लिखित, इलेक्ट्रॉनिक प्रसारण, प्रेस या अन्य किसी भी रूप में हो सकती है. 

5. कंपनी अधिनियम की धारा 182 (3) के खिलाफ 
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि किसी व्यक्ति के योगदान की तुलना में किसी कंपनी से मिले राजनीतिक चंदे का अधिक गंभीर प्रभाव पड़ता है. कोर्ट ने कंपनियों द्वारा दिए गए योगदान को पूरी तरह से व्यवसायिक लेन-देन कहा है. कोर्ट ने यह भी कहा कि कंपनी अधिनियम 182 (3) में संशोधन स्पष्ट रूप से कंपनियों और व्यक्तियों के साथ एक जैसा व्यवहार करता है.

यह भी पढ़ें:-
मणिपुर में फिर हिंसा: चुराचांदपुर में SP दफ्तर पर टूट पड़ी 300 से अधिक लोगों की भीड़! झड़प में 2 की मौत और 25 घायल

और देखें
Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

एलन मस्क ने बांग्लादेश को दिया बड़ा झटका! रद्द की फंडिंग, अब क्या करेंगे मोहम्मद यूनुस?
एलन मस्क ने बांग्लादेश को दिया बड़ा झटका! रद्द की फंडिंग, अब क्या करेंगे मोहम्मद यूनुस?
कब महाकुंभ जाएंगे राहुल गांधी और प्रियंका गांधी? अजय राय ने कर दिया बड़ा खुलासा
कब महाकुंभ जाएंगे राहुल गांधी और प्रियंका गांधी? अजय राय ने कर दिया बड़ा खुलासा
प्रतीक बब्बर ने शादी से अपनी ही फैमिली को क्यों रखा दूर? बहन जूही बोलीं- उसे भड़काया गया है'
प्रतीक बब्बर ने शादी से अपनी ही फैमिली को क्यों रखा दूर? बहन जूही बोलीं- उसे भड़काया गया है'
महाकुंभ में ट्रैफिक की समस्या पर CM योगी बोले- 'पार्किंग में ही वाहन खड़े करें श्रद्धालु'
महाकुंभ में ट्रैफिक की समस्या पर CM योगी बोले- 'पार्किंग में ही वाहन खड़े करें श्रद्धालु'
Advertisement
ABP Premium

वीडियोज

New Delhi Railway Station Stampede: बीती रात हादसे के बाद अभी कैसे हैं प्लेटफार्म पर हालात? Breaking | ABP NEWSOld School Romance के साथ Gen Z Love Story का ट्विस्ट, परिवार के साथ देखिए Bada Naam KarengeRailway Station Stampede: नई दिल्ली भगदड़ हादसे के बाद कैसा है देशभर के रेलवे स्टेशनों का हाल? | ABP NEWSNew Delhi Railway Station Stampede: 'कभी 1 कभी 6 नंबर प्लेटफॉर्म'- कुंभ जाने वाले यात्रियों को सुनिए |ABP NEWS

फोटो गैलरी

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
एलन मस्क ने बांग्लादेश को दिया बड़ा झटका! रद्द की फंडिंग, अब क्या करेंगे मोहम्मद यूनुस?
एलन मस्क ने बांग्लादेश को दिया बड़ा झटका! रद्द की फंडिंग, अब क्या करेंगे मोहम्मद यूनुस?
कब महाकुंभ जाएंगे राहुल गांधी और प्रियंका गांधी? अजय राय ने कर दिया बड़ा खुलासा
कब महाकुंभ जाएंगे राहुल गांधी और प्रियंका गांधी? अजय राय ने कर दिया बड़ा खुलासा
प्रतीक बब्बर ने शादी से अपनी ही फैमिली को क्यों रखा दूर? बहन जूही बोलीं- उसे भड़काया गया है'
प्रतीक बब्बर ने शादी से अपनी ही फैमिली को क्यों रखा दूर? बहन जूही बोलीं- उसे भड़काया गया है'
महाकुंभ में ट्रैफिक की समस्या पर CM योगी बोले- 'पार्किंग में ही वाहन खड़े करें श्रद्धालु'
महाकुंभ में ट्रैफिक की समस्या पर CM योगी बोले- 'पार्किंग में ही वाहन खड़े करें श्रद्धालु'
सरोजिनी मार्केट से भी कम रेट, TNPL में कौड़ियों के भाव में बिके वाशिंगटन सुंदर
सरोजिनी मार्केट से भी कम रेट, TNPL में कौड़ियों के भाव में बिके वाशिंगटन सुंदर
मंईयां सम्मान योजना में आ गया बड़ा अपडेट, अब एकमुश्त मिलेंगे इतने रुपये
मंईयां सम्मान योजना में आ गया बड़ा अपडेट, अब एकमुश्त मिलेंगे इतने रुपये
स्मोकिंग नहीं करने वालों में क्यों बढ़ रहे लंग कैंसर के मामले, जानें ऐसा होने की क्या है वजह?
स्मोकिंग नहीं करने वालों में क्यों बढ़ रहे लंग कैंसर के मामले, जानें वजह?
रेलवे स्टेशन पर झगड़ा हो जाए तो कौन देखेगा, जीआरपी या आरपीएफ?
रेलवे स्टेशन पर झगड़ा हो जाए तो कौन देखेगा, जीआरपी या आरपीएफ?
Embed widget

We use cookies to improve your experience, analyze traffic, and personalize content. By clicking "Allow All Cookies", you agree to our use of cookies.