Election Commission Audit Report: भले ही इलेक्टोरल बॉन्ड पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी हो लेकिन राजनीतिक पार्टियों के चुनावी चंदे में भारी इजाफा देखा गया है. चुनाव आयोग की सालाना ऑडिट रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें चुनावी चंदे में बीजेपी ने टॉप किया है तो कांग्रेस को मिले चंदे में 320 प्रतिशत का इजाफा देखा गया.
लोकसभा चुनाव 2024 से पहले भारतीय जनता पार्टी को मिलने वाले चंदे में 87% का इजाफा हुआ है, जो 3,967.14 करोड़ रुपये तक पहुंच गया. पार्टी की 2023-2024 की वार्षिक ऑडिट रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है. हालांकि, पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 2023-24 में बीजेपी को चुनावी बॉन्ड से मिलने वाला चंदा कम हो गया है. 2022-23 में बीजेपी चुनावी बॉन्ड से 2360 करोड़ रुपये का चंदा मिला था, जो 2023-2024 में घटकर 1294.14 करोड़ रुपये रह गया. रिपोर्ट की अगर मानें तो बीजेपी को 2023-2024 में स्वैच्छिक योगदान के रूप में 3,967.14 करोड़ रुपये मिले, जबकि 2022-2023 में ये 2,120.06 करोड़ रुपये था.
बीजेपी की 2023-2024 की सालाना ऑडिट रिपोर्ट में क्या?
ऑडिट रिपोर्ट से पता चला है कि बीजेपी को चुनावी बॉन्ड से 1,685.62 करोड़ रुपये मिले हैं, जो उसके कुल योगदान का 43% है. 2022-2023 में पार्टी को चुनावी बॉन्ड से 1,294.14 करोड़ रुपये मिले थे, जो कुल योगदान का 61% था. बीजेपी के प्रचार प्रसार पर होने वाले खर्च में भी उछाल देखा गया. 2022-2023 में 1,092.15 करोड़ रुपये से बढ़कर 2023-2024 में ₹1,754.06 करोड़ हो गया. रिपोर्ट के मुताबिक, विज्ञापनों और प्रचार पर 591.39 करोड़ रुपये खर्च किए गए.
कांग्रेस के चंदे में भी भारी इजाफा
रिपोर्ट से पता चलता है कि चुनावी साल में कांग्रेस के चंदे में बीजेपी की तुलना में ज्यादा इजाफा देखा गया. 2022-2023 में कांग्रेस को 268.62 करोड़ का चंदा मिला था, जो 2023-2024 वित्त वर्ष में 320 प्रतिशत बढ़कर 1,129.66 करोड़ रुपये हो गया. कांग्रेस के चंदे में चुनावी बॉन्ड का अहम योगदान रहा. पिछले साल मिले 171.02 करोड़ रुपये से बढ़कर 828.36 करोड़ रुपये हो गया. कुल 73 प्रतिशत का इजाफा देखा गया. कांग्रेस का चुनाव खर्च 2022-2023 में 192.55 करोड़ रुपये से बढ़कर 2023-24 में 619.67 करोड़ रुपये हो गया.
तृणमूल कांग्रेस को मिला कितना चंदा
तृणमूल कांग्रेस की 2023-2024 की सालाना ऑडिट रिपोर्ट के मुताबिक, ममता बनर्जी की पार्टी टीएमली की आय पिछले साल के 333.46 करोड़ रुपये से बढ़कर 646.39 करोड़ रुपये हो गई. इसी तरह पार्टी को 95 प्रतिशत चंदा चुनावी बॉन्ड के जरिए मिला.
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