UP Electricity Employees Strike: यूपी में बिजली कर्मचारियों की हड़ताल से कई जिलों में बिजली आपूर्ति चरमरा गई है. हालात बिगड़ते देख सीएम योगी ने खुद संज्ञान लिया और वाराणसी से लखनऊ पहुंचते ही इस मुद्दे पर बैठक बुलाई. सीएम योगी ने जिस वक्त बैठक बुलाई, उस वक्त उर्जा मंत्री एके शर्मा प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे थे. जानकारी के मुताबिक, बैठक में पहुंचने के लिए वह प्रेस कॉन्फ्रेंस बीच में ही छोड़कर चले गए. इस बैठक में सीएम योगी के तेवर काफी तल्ख दिखे.
हड़ताल की वजह से प्रदेश में बिजली की समस्या को लेकर सीएम योगी ने नाराजगी जताई और हड़ताल को शीघ्र ही खत्म करवाने के दिए निर्देश. सीएम योगी ने कहा कि अराजकता पैदा करने वाले बिजली कर्मचारियों को सूचीबद्ध करें. बिजली फीडर बंद करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करें. बता दें कि बिजली कर्मचारियों की हड़ताल के दूसरे दिन प्रदेश भर में एक लाख से ज्यादा विद्युत कर्मचारी हड़ताल पर हैं.
हड़ताल पर गए कर्मचारियों की मांगें
- ऊर्जा निगमों के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक का चयन समिति से कराना.
- पूर्व की तरह मिल रहे तीन पदोन्नति पदों के समयबद्ध वेतनमान का आदेश हो.
- बिजली कर्मियों के लिए पावर सेक्टर एम्पलाइज प्रोटेक्शन एक्ट लागू किया जाए.
- ट्रांसमिशन के विद्युत उप केंद्रों के ऑपरेशन एवं मेंटेनेंस की आउटसोर्सिंग बंद हो.
- नए विद्युत उप केंद्रों का निर्माण ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन से कराए जाने की मांग.
- संविदा निविदा कर्मियों को अलग-अलग निगमों में मिल रहे मानदेय की विसंगति दूर हो.
- भत्तों के पुनरीक्षण एवं वेतन विसंगतियों का निराकरण हो.
- सस्ती बिजली उपलब्ध कराने वाले विद्युत उत्पादन निगम को ओबरा एवं अनपरा में दो इकाइयां दी जाएं.
ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने दी चेतावनी
ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने हड़ताल पर जाने वाले कर्मचारियों को चेतावनी दी है. उन्होंने कहा, "हड़ताल के दौरान सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और काम पर आ रहे कर्मचारियों से अभद्रता करे वालों के खिलाफ एस्मा के तहत एक्शन लिया जाएगा." ऊर्जा मंत्री ने जानकारी दी कि एनटीपीसी समेत अन्य उपक्रमों और विभिन्न मैन पावर एजेंसियों में टेक्निकल कर्मचारियों को रिजर्व रखा गया है. इन रिजर्व कर्मचारियों की सूची निगमों को भी दी गई है.