ग्रोक से पूछे फालतू के सवाल तो होगी कार्रवाई! सरकार कर रही बड़ी तैयारी
Grok Chatbot Row: इस पूरे मामले में मुख्य मुद्दा ये है कि सरकार किस हद तक ऑनलाइन कंटेट को कंट्रोल कर सकती है. एक्स का कहना है कि सरकार को अभिव्यक्ति की आजादी का सम्मान करना चाहिए.

Grok Row: एलन मस्क के एआई चैटबॉट ग्रोक (Grok) की इन दिनों चारों ओर चर्चा हो रही है. लोग ग्रोक से अजीबोगरीब और फालतू के सवाल पूछ रहे हैं. हैरानी की बात ये है कि ग्रोक भी उतने ही अजीब जवाब भी दे रहा है, जिसे लोग सोशल मीडिया पर शेयर कर रहे हैं. ऐसे लोगों की तादात पिछले कुछ दिनों में बढ़ गई है. ऐसे में सरकार ने भी एक्शन लेने का मन बनाया है.
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि ग्रोक से ऐसे सवाल पूछना, जिससे भड़काऊ प्रतिक्रियाएं आती हैं ऐसे मामलों में यूजर्स के साथ-साथ प्लेटफॉर्म के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई की जा सकती है. ये कार्रवाई उसी तरह की हो सकती है, जिसमें केंद्र सरकार ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) से कहा था कि उसे कंटेंट हटाने रिक्वेस्ट पर देश के कानून का पालन करना की जरूरत है.
एक्स पहले की कर चुकी है कर्नाटक हाई कोर्ट का रुख
मामले में एलन मस्क की एक्स भारत सरकार के आदेश के खिलाफ पहले ही कर्नाटक हाई कोर्ट का रुख कर चुकी है. कंपनी का कहना है कि सरकार की कार्रवाई गैरकानूनी है. ऐसा करके अभिव्यक्ति की आजादी को दबाया जा रहा है. वहीं सरकार का कहना है कि एक्स को कानून का पालन करना होगा.
27 मार्च को होगी मामले की सुनवाई
एक्स का कहना है कि सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 79(3) (बी) के तहत सरकार को कंटेट ब्लॉक करने का अधिकार नहीं है. 27 मार्च को सुनवाई के लिए निर्धारित याचिका में मांग की गई है कि धारा 79(3)(बी) सरकार को एक्स पर पोस्ट की गई सूचना को ब्लॉक करने का आदेश जारी करने की ताकत नहीं देती है. एक्स का तर्क है कि ऐसा आदेश केवल आईटी अधिनियम की धारा 69ए के तहत जारी किया जा सकता है.
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