रूस में भारत के दूतावास ने देश में पढ़ रहे भारतीय छात्रों के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं. दूतावास की तरफ से भारतीय छात्रों से कहा गया है कि "हम सभी छात्रों को आश्वस्त करते हैं कि वर्तमान में कोई सुरक्षा कारण नहीं दिखता है, जिसके चलते देश छोड़ा जाए."


दूतावास की तरफ से कहा गया है कि रूस में मौजूद भारतीय छात्रों, विश्वविद्यालयों की तरफ से इस संबंध में सलाह मांगी गई थी कि छात्रों को रूस में रुकना चाहिए या नहीं. दूतावास छात्रों और भारतीयों की सुरक्षा को लेकर सभी संबंधित अथॉरिटी के संपर्क में है. भारत से रूस के बीच फ्लाइट की डायरेक्ट कनेक्टिविटी और बैंकिंग सेवाओं में थोड़ा सा व्यवधान आया है. छात्रों से अनुरोध है कि वो अपने विश्वविद्यालयों को संपर्क में लगातार बने रहें. बिना किसी परेशानी के अपनी पढ़ाई जारी रखें.






वहीं दूसरी ओर दिल्ली, कीव और मास्को में सिलसिलेवार रूप से अलग-अलग गहन कूटनीतिक संपर्क तथा यूक्रेन में भारतीय अधिकारियों की तीन टीम द्वारा चौबीस घंटे की जमीनी कार्रवाई ने सूमी शहर से छात्रों को सुरक्षित बाहर निकालना संभव हुआ. अधिकारियों के मुताबिक युद्धग्रस्त यूक्रेन के उत्तर पूर्वी शहर से अपने लगभग 600 छात्रों को निकालने के लिए यह भारत के ‘‘कठिन और जटिल’’ मिशन के तीन मुख्य घटक थे.


रूस और यूक्रेन द्वारा गोलाबारी और बमबारी को रोकने तथा छात्रों की निकासी के लिए सुरक्षित मार्ग सुनिश्चित करने के लिए एक मानवीय गलियारा बनाने के भारत के अनुरोध पर ध्यान देने के बाद मंगलवार को भारतीय छात्रों को सूमी से बाहर निकाला गया.


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