मशहूर अर्थशास्त्री अरविंद सुब्रमण्यम ने अशोका यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर पद से इस्तीफा दिया, जानिए वजह
अरविंद सुब्रमण्यम का इस्तीफा जाने-माने राजनीतिक विश्लेषक प्रताप भानु मेहता के इस्तीफे के दो दिन बाद सामने आया है. वित्त मंत्रालय में पूर्व में मुख्य आर्थिक सलाहकार रहे अरविंद सुब्रमण्यम ने जुलाई 2020 में अशोक यूनिवर्सिटी में अर्थशास्त्र विभाग में प्रोफेसर के तौर पर काम शुरू किया था.
नई दिल्ली: मशहूर अर्थशास्त्री अरविंद सुब्रमण्यम ने सोनीपत (हरियाणा) में अशोका यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर के पद से इस्तीफा दे दिया है. राजनीतिक टिप्पणीकार प्रताप भानु मेहता के इस संस्थान से निकलने के दो दिन बाद ही उन्होंने यह कदम उठाया है. उन्होंने आरोप लगाया है कि यूनिवर्सिटी में एकेडमिक फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन नहीं है.
अशोका यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्री अरविंद सुब्रहण्यम के इस्तीफे पर हलचल बढ़ सकती है. क्योंकि उन्होंने इस्तीफे की जो वजह बताई है, उससे कई सवाल खड़े हो गए हैं. सुब्रमण्यम ने आरोप लगाया है कि प्राइवेट यूनिवर्सिटी होने के बावजूद अशोका यूनिवर्सिटी में एकेडमिक फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन नहीं है.
अशोक यूनिवर्सिटी से जुड़े कई लोगों का मानना है कि सरकार की आलोचना की वजह से ही प्रताप भानु मेहता को जाना पड़ा. प्रताप भानु भी यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर के पद पर कार्यरत थे. मेहता अपने लेखन के जरिए सरकार पर सवाल उठाते रहते हैं. उन्होंने कई मुद्दों पर सरकार की आलोचना की है.
अरविंद सुब्रहण्यम के इस्तीफे पर बवाल यूनिवर्सिटी के शिक्षकों और छात्रों ने इस मुद्दे पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की और इस्तीफे का विरोध किया है. कुलपति मलविका सरकार ने छात्रों और शिक्षकों के साथ ऑनलाइन हुई टाउन हॉल बैठक में बताया कि मेहता से अपने फैसले पर पुनर्विचार करने को कहा गया था लेकिन उन्होंने 'अकेला छोड़ने का अनुरोध किया.'
अशोका यूनिवर्सिटी के शिक्षकों, छात्रों और पूर्व छात्रों ने राजनीतिक टिप्पणीकार प्रताप भानु मेहता के विश्वविद्यालय के प्रोफेसर पद से इस्तीफे पर गुस्से का इजहार किया है. उनका कहना है कि मेहता का इस्तीफा बुद्धिजीवी के तौर पर भूमिका और सरकार की आलोचना की वजह से प्रतीत होता है.
प्रियंका गांधी ने केंद्र सरकार पर साधा निशाना कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने अशोक यूनिवर्सिटी से देश के पूर्व आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यम के इस्तीफे को लेकर सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी लोगों के मन में भय पैदा करना चाहती है. उन्होंने सुब्रमण्यम के इस्तीफे से जुडी खबर शेयर करते हुए ट्वीट किया, "वे बंगाल जाकर कहते हैं कि ‘सोनार बांग्ला’ बनाएंगे लेकिन गुरुदेव की मूल भावना पर हमला कर रहे हैं. गुरुदेव टैगोर ने कहा था 'जहां चित्त भयशून्य हो...जहां ज्ञान मुक्त हो." प्रियंका ने आरोप लगाते हुए कहा, "ज्ञान को बेड़ियों में बांधना, जनता के चित्त में भय पैदा करना ही बीजेपी का उद्देश्य है."
सुब्रमण्यम को वित्त मंत्रालय में 16 अक्टूबर 2014 को मुख्य आर्थिक सलाहकार नियुक्त किया गया था और 2017 में उन्हें कार्य विस्तार भी दिया गया था. उनका कार्यकाल मई 2019 तक के लिए बढ़ाया गया था लेकिन उन्होंने अपने अध्यापन कार्य से फिर जुड़ने के लिए आर्थिक सलाहकार का पद छोड़ दिया था.
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