मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के भिंड में कलेक्टर का एक आदेश जिले भर के अधिकारी और कर्मचारियों में चर्चा का विषय बना हुआ है. भिंड (Bhind) कलेक्टर सतीश कुमार एस  की ओर से चुनाव के समय बीमारी का प्रमाण पत्र देकर ड्यूटी से बचने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति का आदेश पारित किया गया है. प्रदेश में इन दिनों पंचायतों और नगरीय निकाय चुनावों की प्रक्रिया चल रही है.


भिंड कलेक्टर के आदेश में क्या है?


त्रिस्तरीय चुनावों के लिए अधिकारी और कर्मचारियों की ड्यूटी पंचायत ओर नगरीय निकाय चुनाव में लगाई जा रही है. ऐसे में भिंड कलेक्टर सतीश कुमार एस ने एक आदेश जारी कर अधिकारी कर्मचारियों में हड़कंप मचा दिया है. आदेश में कहा गया है कि निर्वाचन ड्यूटी से बचने के लिए जो भी अधिकारी कर्मचारी बीमारी का प्रमाण पत्र लेकर आएंगे, उनके खिलाफ शासन के नियम अंतर्गत 20 साल की सेवा या 50 साल की आयु के तहत अनिवार्य सेवानिवृत्ति की कार्रवाई की जाएगी.


आदेश के बाद अधिकारियों कर्मचारियों में दहशत


हालांकि चुनावों में कुछ कर्मचारी बीमारी का बहाना बनाकर ड्यूटी से बचने की कोशिश करते हैं, लेकिन उन अधिकारियों कर्मचारियों में दहशत है कि कहीं अगर वास्तव में वह बीमार पड़ गए और ड्यूटी करने में अक्षम हुए तो उनका क्या होगा. कलेक्टर के इस आदेश ने सक्षम मेडिकल बोर्ड द्वारा बनाए गए प्रमाण पत्र को भी कटघरे में खड़ा कर दिया है, जोकि शासन के नियम अंतर्गत ही बीमारी का प्रमाण पत्र जारी करता है.


ऐसे में अब सवाल उठता है कि कलेक्टर आदेश का असर तो उन अधिकारी कर्मचारियों को पड़ेगा, जो वास्तव में बीमार हैं. और स्वास्थ्य खराब होने के चलते ड्यूटी करने में अक्षम हैं. जाहिर सी बात है कि कलेक्टर का है आदेश जमीनी हकीकत को बिना देखे ही तैयार किया गया है, तो क्या कलेक्टर को अपने इस आदेश पर एक बार फिर पुनर्विचार की जरूरत है?


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