Work From Home In Lockdown: कोरोना काल में लगे लॉकडाउन ने लोगों को घर से ही काम करने पर मजूबर कर दिया था. मंजूरी में शुरू हुए वर्क फ्रोम होम के कई सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं. एक सर्वे के मुताबिक, घर से ही काम करने वाले कर्मचारियों की न सिर्फ दक्षता बढ़ी है बल्कि उनकी उत्पादक क्षमता भी बढ़ गई है. इसके साथ ही उनके तनाव का स्तर भी काफी कम हो गया है.
ऑफिस के काम में और घर से काम करने में पाया गया अंतर
सर्वे कंपनी आउल लैब्स के सर्वेक्षणों में पाया गया है कि वर्क फ्रॉम होम के समय किए गए काम और ऑफिस में रहकर किए गए कामों में काफी अंतर पाया गया. कर्मचारियों के अंदर उत्पादकता में इजाफा हुआ और बेहतर पाई गई है. रिपोर्ट में यहां तक कहा गया कि जो कर्मचारी घर से काम करते हैं वो सप्ताह में एक दिन ज्यादा काम कर सकते हैं या फिर करते हैं.
वर्क फ्रॉम होम में कर्मचारियों ने किया ज्यादा काम
स्टैंडफोर्ड ने 9 महीनों में 16 हजार कर्मचारियों पर एक अध्ययन किया और पाया कि घर से काम करने पर कर्मचारियों की दक्षता में 13 परसेंट की बढ़ोतरी हुई है. कर्मचारियों का ये प्रदर्शन घर के शांत वातावरण और कम थकान के कारण निकलकर बाहर आया है. इसके अलावा ये भी सामने आया है कि कर्मचारियों ने हर शिफ्ट में अधिक घंटे तक काम किया है. इतना ही नहीं कर्मचारियों में काम के प्रति जुनून देखा गया है.
ऑफिस में होता है मेंटल प्रेशर
आउल लैब्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक वर्क फ्रॉम होम करने वाले 70 कर्मचारियों ने ये बताया है कि ऑफिस में रहते हुए मीटिंग में शामिल होने का मेंटल प्रेशर होता है. हर रोज मीटिंग अटैंड करना किसी चुनौती की तरह होता है. इस प्रेशर का काम के प्रदर्शन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है. इसके अलावा इस रिपोर्ट में बताया गया है कि 64 प्रतिशत लोग हाइब्रिड मीटिंग पसंद करते हैं.
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