नई दिल्ली: लखनऊ एनकाउंटर में यूपी एटीएस ने सैफुल्लाह को तो मार गिराया, उसके कई साथियों को पकड़ लिया लेकिन सैफुल्लाह जिस ग्रुप का सदस्य था, उसका सरगना अभी भी पकड़ से बाहर है. हैरान करने वाली बात तो ये है कि इस ग्रुप का सरगना एयरफोर्स में काम कर चुका है. केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह आज संसद में एनकाउंटर पर बयान देने वाले हैं. इस बीच देश की राजधानी दिल्ली में इन तमाम गतिविधियों के बाद अलर्ट जारी कर दिया गया है.
पुलिस के साथ स्पेशल सेल भी पैनी नजर बनाए हुए है
लखनऊ में एनकाउंटर के बाद दो फरार आतंकियों के दिल्ली पहुंचने की आशंका के चलते राजधानी में अलर्ट जारी कर दिय़ा गया है. दिल्ली-एनसीआर में सुरक्षा कड़ी कर दी है. आज से संसद सत्र शुरू हो गया है, होली करीब है, ऐसे में संसद के अलावा भीड़ भाड़ वाले इलाकों, बाजारों समेत सभी अहम जगहों पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है. पुलिस के साथ स्पेशल सेल भी पैनी नजर बनाए हुए है. देश के बाकी शहरों में भी सुरक्षा एजेंसियां हाई अलर्ट पर हैं.
देखें वीडियो :
सैफुल्लाह को आतंकी बनाने वाला कहां है ?
लखनऊ में आतंकी सैफुल्लाह को 11 घंटे तक चले एनकाउंटर के बाद यूपी एटीएस ने मार गिराया था. भारी मात्रा में हथियार और बम बनाने का सामान इसके पास मिला, लेकिन इन सबके अलावा हैरान करने वाली बात ये है कि जिस ग्रुप का सैफुल्लाह सदस्य था उसका सरगना अभी तक पकड़ में नहीं आया है.
यह भी पढ़ें : BLOG : पुराने 'टेरर रूट' से मिली है आईएस आतंकियों को मदद, खतरा अभी टला नहीं !
एयरफोर्स में काम कर चुका है फरार जीएम खान
ग्रुप के मुखिया का नाम जीएम खान है. जीएम खान कानपुर का ही रहने वाला है. एयरफोर्स में काम कर चुका है और अब फरार है. जीएम खान की तलाश में पुलिस कानपुर में उसके घर भी पहुंची थी, लेकिन घर बंद मिला. पड़ोसियों के मुताबिक वो लोगों से ज्यादा मिलता जुलता नहीं था.
NIA को सौंपी जा सकती है जांच
यूपी पुलिस ने गृहमंत्रालय को एफआईआर की कॉपी और पूरे मामले की रिपोर्ट भेज दी है. गृहमंत्रालय अब इसके आधार पर आगे की कार्रवाई पर विचार करेगा. केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह आज संसद में इस पर बयान देंगे. खबर आ रही हैं कि इस मामले की जांच एनआईए को सौंपी जा सकती है.
यह भी पढ़ें : IS का पहला हमला : 'देशभक्त' दो पिताओं की सबसे बड़ी गवाही
IS की विचारधारा से प्रभावित था सैफुल्लाह
वहीं यूपी पुलिस के मुताबिक मारे गए आतंकी सैफुल्लाह और उसके साथियों का सीधा-सीधा कनेक्शन आतंकी संगठन आईएस से नहीं पाया गया है, बल्कि सोशल मीडिया और इंटरनेट के ज़रिए वो संगठन की विचारधारा से प्रभावित थे. सैफुल्लाह या उसके साथी भले ही आतंकी संगठन आईएस से सीधे ना जुड़े हुए हों, लेकिन उसकी विचारधारा पर चलते हुए आतंकी बन जाना देश के लिए बड़े खतरे का इशारा कर रहा है.
यह भी पढ़ें : पहला IS हमला : ट्रेन ब्लास्ट वाले पाइप बम की तस्वीर जारी, उसपर लिखा है- इस्लामिक स्टेट