Delhi's Excise Policy scam: एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट (ED) ने गुरुवार (10 नवंबर) को कहा कि दिल्ली की आबकारी नीति सार्वजनिक होने से पहले कुछ शराब निर्माताओं को लीक कर दी गई थी. जांच में पाया गया कि उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया समेत तीन दर्जन लोगों ने डिजिटल साक्ष्य मिटाने के इरादे से 140 मोबाइल फोन बदले. जांच एजेंसी ने फ्रांस की शराब कंपनी पर्नोड रिकॉर्ड के दिल्ली क्षेत्रीय प्रमुख बिनॉय बाबू और अरबिंदो फार्मा लिमिटेड के फुल टाइम निदेशक पी सरथ चंद्र रेड्डी की गिरफ्तारी के बाद PMLA (Prevention of Money Laundering Act) कोर्ट को इसकी जानकारी दी.

अरबिंदो फार्मा ने शेयर बाजार को सूचित किया कि रेड्डी अरबिंदो फार्मा लिमिटेड या उसकी सहायक कंपनियां संचालन से किसी भी तरह से जुड़े नहीं थे. ईडी ने दोनों को हिरासत में लेने का अनुरोध करते हुए आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार के आबकारी विभाग ने आरोपी व्यक्तियों को संचालन की अनुमति दी. ईडी ने कहा, यह दिल्ली के आबकारी अधिकारियों और दिल्ली सरकार के सदस्यों ने रिश्वत के बदले में संचालन की अनुमति दी.


100 करोड़ रुपये की रिश्वत दी गई


ED ने कहा, "जांच के दौरान उसके द्वारा पूछताछ किए गए कई लोगों ने खुलासा किया कि दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 में काम करने को लेकर चुनिंदा व्यापारिक समूहों को अनुचित लाभ पहुंचाने के लिए 100 करोड़ रुपये की रिश्वत एडवांस के रूप से दी गई थी. जांच एजेंसी ने कहा, "यह भी पाया गया कि दिल्ली में खुदरा दुकान खोलने के लिए दिल्ली के आबकारी अधिकारियों द्वारा रिश्वत की मांग की गई और ली गई. आबकारी घोटाले में शामिल/संदिग्ध 34 महत्वपूर्ण व्यक्तियों ने संबंधित अवधि के दौरान डिजिटल साक्ष्य को नष्ट करने के इरादे से कुल 140 फोन बदले, जिसका मूल्य लगभग 1.20 करोड़ रुपये थे."


घोटाला सामने आने के बाद बदले गए फोन


जांच एजेंसी ने कहा, "इन लोगों में मुख्य आरोपी के रूप में, शराब कारोबारी, वरिष्ठ सरकारी अधिकारी, दिल्ली के आबकारी मंत्री और अन्य संदिग्ध शामिल हैं. फोन बदलने का समय बताता है कि ये फोन ज्यादातर घोटाला सामने आने के बाद बदले गए. एजेंसी के पास सबूत हैं कि ये नीति पिछले साल 31 मई को कुछ शराब निर्माताओं के लिए लीक हुई थी, जबकि इसे दो महीने बाद 5 जुलाई, 2021 को इसे सार्वजनिक किया गया था. ईडी ने यह भी आरोप लगाया कि L1 थोक विक्रेताओं को बड़ी संख्या में आबकारी अधिकारियों द्वारा काम के घंटों से परे या देर रात मंजूरी दी गई थी.


ईडी ने आरोप लगाया कि बिनॉय बाबू ने दिल्ली शराब घोटाले में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और उन्होंने समीर महंद्रू और अन्य के साथ मिलकर अनैतिक तरीकों से बाजार की हिस्सेदारी हासिल करने के लिए निर्माताओं-थोक-खुदरा विक्रेताओं का गठजोड़ बनाया."


आबकारी नीति के घटनाक्रम से अवगत थे


ईडी ने कहा, "बिनॉय बाबू के नष्ट किए गए ई-मेल के विश्लेषण से पता चला कि वो आबकारी नीति को सार्वजनिक किए जाने से बहुत पहले और नीति निर्माण में हो रहे हर दिन के घटनाक्रम के बारे में जानते थे."


रेड्डी की भूमिका के बारे में अदालत को सूचित करते हुए ईडी ने कहा, "वो कथित घोटाले के सरगना और प्रमुख लाभार्थी में से एक थे. रेड्डी दिल्ली के शराब कारोबार के 30 फीसदी हिस्से को नियंत्रित करते थे, जिसमें रिश्वत देते, बेनामी और अवैध कंपनियों का इस्तेमाल करते थे. शराब उद्योग में विभिन्न धारकों के साथ मिलकर साजिश करते थे. सीबीआई की मदद से गिरफ्तार किए गए व्यवसायी विजय नायर के माध्यम से रेड्डी ने 100 करोड़ रुपये की रिश्वत दी."


इस मामले में अब तक 169 तलाशी कार्रवाई की गई है. दिल्ली के उपराज्यपाल की सिफारिश पर सीबीआई द्वारा दर्ज प्राथमिकी का संज्ञान लेने के बाद ईडी ने मामला दायर किया गया था.


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