खाते पर लगी रोक हटाने के लिए ईडी अधिकारी ने फिल्मी अंदाज में मांगी रिश्वत, अब सीबीआई करेगी जांच
सीबीआई ने गुप्त सूचना के आधार पर मुकदमा दर्ज किया है जिसकी जांच जारी है. सीबीआई के एक आला अधिकारी ने इस बाबत कहा कि इस बात की भी जांच की जा रही है कि रिश्वत के इस लेनदेन में निदेशालय के और कौन से अधिकारी शामिल हैं और इसकी चैन कहां तक फैली हुई है.
नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय के एक अधिकारी ने फिल्मी अंदाज में एक कथित आरोपी की कंपनी का सील बैंक खाता खोलने के लिए ₹5 लाख रिश्वत मांगी और फिर रिश्वत मिलने पर कंपनी के खाते से रोक हटा ली गई. अब सीबीआई ने इस मामले में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की है. इस मामले की जांच की आंच में प्रवर्तन निदेशालय के कुछ बड़े अधिकारी भी सकते हैं क्योंकि जो सम्मन कथित आरोपी को पूछताछ के लिए बुलाने के लिए भेजा गया था उस पर प्रवर्तन निदेशालय के उप निदेशक के हस्ताक्षर थे जबकि वसूली उसके सहायक अधिकारी ने की थी.
सीबीआई प्रवक्ता आरसी जोशी के मुताबिक सीबीआई ने आपराधिक षड्यंत्र और भ्रष्टाचार अधिनियम की धाराओं के तहत प्रवर्तन निदेशालय के बेंगलुरु कर्नाटक जोन में तैनात ललित आजाद नामक प्रवर्तन अधिकारी पर मुकदमा दर्ज किया है. सीबीआई द्वारा दर्ज एफआईआर के मुताबिक सीबीआई मुख्यालय को सूचना मिली थी कि मोबाइल एप लोन मामले में हैदराबाद की साइबर क्राइम विंग पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया था. जिसमें बाद में जांच के लिए प्रवर्तन निदेशालय ने भी मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत मामला दर्ज किया था. सीबीआई रिकॉर्ड के मुताबिक इस मामले में मामले के जांच अधिकारी ललित आजाद ने 5 फरवरी 2021 को अपोलो नेक्स्ट मुंबई के प्रबंध निदेशक मिखिल को पूछताछ के लिए ई-मेल के जरिए संबंध भेजा. इस सम्मन में निखिल को 9 फरवरी 2021 को पूछताछ के लिए ईडी के बेंगलुरु ऑफिस में बुलाया गया था.
दिलचस्प बात यह है कि जो सम्मन मिखिल के पास भेजा गया था उस पर प्रवर्तन निदेशालय के बेंगलुरु कार्यालय के उप निदेशक मनोज मित्तल जो कि एक आईआरएस अधिकारी हैं उनके हस्ताक्षर थे. सीबीआई दस्तावेजों के मुताबिक 9 फरवरी 2021 को मिखिल अपनी पत्नी और चचेरे भाई के साथ बेंगलुरु ऑफिस पूछताछ के लिए आया जहां पर उससे शाम लगभग 3:15 बजे तक की पूछताछ की गई. सीबीआई रिकॉर्ड के मुताबिक इसके बाद मिखिल वापस मुंबई जाने के लिए बेंगलुरु एयरपोर्ट पर पहुंचा जहां उसके पास प्रवर्तन अधिकारी ललित का व्हाट्सएप कॉल आया.
आरोप है कि इस व्हाट्सएप कॉल में प्रवर्तन अधिकारी ने मिखिल से कहा कि यदि वह अपनी कंपनी का बैंक खाता डी फ्रिज कराना चाहता है तो आज रात को ही उसे ₹5 लाख इंतजाम करके दे दे. सीबीआई रिकॉर्ड के मुताबिक प्रवर्तन अधिकारी ललित उस रात बेंगलुरु के लेबल्स पब एंड किचन जो कि जेपी नगर बेंगलुरू में स्थित है वहां मौजूद था. वहां उसने एक वेटर के फोन के जरिए निखिल के फोन पर अपनी लोकेशन भेजी थी. निखिल के भाई ने अपने परिचितों से ₹5 लाख का इंतजाम कराने के लिए कहा और इसके लिए इन लोगों ने भी वही लोकेशन जो प्रवर्तन अधिकारी ललित ने मिखिल को भेजी गई थी वही लोकेशन उन लोगों को भी भेज दी गई.
सीबीआई के मुताबिक उसी रात को प्रवर्तन अधिकारी ललित को लेबल्स पब एंड किचन की पार्किंग में पैसों का एक पैकेट मिला जिसमें ₹5 लाख थे. सीबीआई का कहना है कि इस मामले में रिश्वत मिलने के एक हफ्ते बाद यानी 16 फरवरी 2021 को निखिल की कंपनी का खाता डी फ्रिज कर दिया गया यानी उस पर से रोक हटा ली गई. अब सीबीआई ने गुप्त सूचना के आधार पर मुकदमा दर्ज किया है जिसकी जांच जारी है. सीबीआई के एक आला अधिकारी ने इस बाबत कहा कि इस बात की भी जांच की जा रही है कि रिश्वत के इस लेनदेन में निदेशालय के और कौन से अधिकारी शामिल हैं और इसकी चैन कहां तक फैली हुई है.