ED Raid: विधानसभा चुनाव से पहले झारखंड में ED का एक्शन, शराब घोटाले में कई सीनियर अफसरों के ठिकानों पर छापा
ED Action: झारखंड की आबकारी नीति में फेरबदल करके राज्य में देसी और विदेशी शराब का टेंडर भी सिंडिकेट के लोगों को दिलवाया गया. झारखंड में बिना हिसाब की डुप्लीकेट होलोग्राम लगी देशी शराब की बिक्री की गई.
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ED Raid in Jharkhand; प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने विधानसभा चुनाव से पहले मंगलवार (29 अक्टूबर 2024) को झारखंड में बड़ी कार्रवाई की. ईडी की टीम ने झारखंड के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी विनय चौबे, उत्पाद विभाग के संयुक्त सचिव गजेंद्र सिंह समेत इनके कई अन्य करीबी रिश्तेदारों और संबंधित अधिकारियों के रांची स्थित ठिकानों पर छापा मारा है.
सूत्रों के अनुसार, ये कार्रवाई शराब घोटाले के मामले में की गई है. बता दें कि इस शराब घोटाले से जुड़े मामले में ईडी की टीम ने छत्तीसगढ़ में भी छापा मारा था और वहां के अधिकारियों से पूछताछ की थी. जिस शराब पॉलिसी को लेकर ईडी की टीम रेड कर रही है, वह करीब तीन साल पहले लाई गई थी.
क्या है झारखंड का शराब घोटाला
आरोप है कि साजिश के तहत झारखंड की आबकारी नीति में फेरबदल किए गए. इसके बाद राज्य में देसी और विदेशी शराब का टेंडर भी सिंडिकेट के लोगों को दिलवाया गया. झारखंड में बिना हिसाब की डुप्लीकेट होलोग्राम लगी देशी शराब की बिक्री की गई. साथ ही विदेशी शराब की सप्लाई का काम एफएल 10ए लाइसेंस के रूप में नियम बनाकर अपने करीबी एजेंसियों को दिलाया गया. इसके बाद उन कंपनियों से करोड़ों रुपये का अवैध कमीशन लिया गया. इससे करोड़ों रुपयों की अवैध कमाई की गई.
ये है इस केस का छत्तीसगढ़ कनेक्शन
दरअसल, झारखंड सरकार ने छत्तीसगढ़ की शराब नीति को ही तीन साल पहले लागू किया था. छत्तीसगढ़ के अधिकारियों अनिल टुटेजा, अनवर ढेबर, अरुणपति त्रिपाठी और उनके सिंडिकेट ने शराब घोटाला करके छत्तीसगढ़ सरकार को अरबों रुपये के राजस्व का नुकसान पहुंचाया था जिसकी जांच ED कर रही है. आरोप है कि इसी सिंडिकेट ने झारखंड के अधिकारियों के साथ मिलकर झारखंड की आबकारी नीति में परिवर्तन किया, जिससे सरकार का राजस्व प्रभावित हुआ. यही वजह है कि ईडी की टीम झारखंड के साथ-साथ इस केस में छत्तीसगढ़ में भी रेड डाल रही है.
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