(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
100 करोड़ रुपये के पोंजी घोटाले में ED की छापेमारी, 5 करोड़ कैश बरामद
प्रवर्तन निदेशालय ने 100 करोड़ के पोंजी घोटाले में लिप्त कारोबारी विनोद तुकाराम खुटे के कई ठिकानों पर की छापेमारी.5 करोड़ रुपये की नकदी, बैंक फंड और आभूषणों किये गए जब्त.
प्रवर्तन निदेशालय ने गुरुवार को 100 करोड़ के पोंजी घोटाले के आरोपी कारोबारी विनोद तुकाराम खुटे के कई ठिकानों पर छापेमारी की. ईडी की टीम ने पुणे, नासिक और कोल्हापूर के ठिकाने पर सर्च ऑपरेशन चलाया, जिसमें 5 करोड़ रुपये की नकदी, बैंक फंड और आभूषणों को जब्त कर लिया गया है.
विनोद तुकाराम खुटे पर पोंजी घोटाले और अवैध विदेशी मुद्रा व्यापार प्लेटफार्म चलाने के आरोप में जांच जारी है, जिस कड़ी में ये सर्च ऑपरेशन चलाया गया. विनोद तुकाराम खुटे अभी तक फरार हैं और जिसके दुबई में होने की आशंका है.
सर्च ऑपरेशन के एक दिन बाद शुक्रवार को प्रवर्तन निदेशालय ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा “तलाशी अभियान के दौरान 5 करोड़ रुपये की नकदी, बैंक फंड, सावधि जमा (एफडी) और आभूषणों के साथ-साथ विभिन्न आपत्तिजनक दस्तावेज और डिजिटल उपकरणों को फ्रीज और जब्त किया गया है.”
प्रवर्तन निदेशालय(ईडी), मुंबई जोनल कार्यालय ने विनोद तुकाराम खुटे, उनके परिवार के सदस्यों और सहयोगियों द्वारा दुबई से संचालित फर्जी पोंजी/मल्टी लेवल मार्केटिंग योजनाएं/अवैध विदेशी मुद्रा ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म नामतः वीआईपीएस ग्रुप ऑफ कंपनीज, मेसर्स ग्लोबल एफिलिएट बिजनेस, मेसर्स काना…
— ED (@dir_ed) May 3, 2024
इससे पहले, इस मामले में ईडी ने तलाशी अभियान चलाया था. जिसके परिणामस्वरूप विनोद खुटे और उनके रिश्तेदारों की भारत और दुबई में 70.86 करोड़ रुपये के बैंक बैलेंस, अचल संपत्तियां कुर्क की गई थीं. पोंजी घोटाले के इस मामले में ईडी ने अक्टूबर 2023 में पुणे के भारती विद्यापीठ पुलिस स्टेशन में विनोद खुटे, संतोष खुटे, मंगेश खुटे, किरण पीतांबर, अजिंक्य बदाधे और अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी.
एफआईआर में कहा गया था कि, "आरोपी व्यक्तियों ने वर्ष 2020 से एक पोंजी स्कीम चलाने के लिए एक आपराधिक साजिश रची थी, जिसके लिए उन्होंने आम निवेशकों को उनके निवेश पर प्रति माह 2 से 3 प्रतिशत रिटर्न देने का लालच दिया था. आरोपियों ने एक अन्य कंपनी के जरिए विदेशी मुद्रा व्यापार पर उच्च रिटर्न के वादों के साथ और अधिक निवेशकों को लुभाया था. जिसके बाद इन संदिग्धों ने कंपनी का संचालन बंद कर दिया और निवेशकों से जुटाए गए धन को हवाला लेनदेन के जरिए विदेशों में जमा कर दिया। जिसमें निवेशकों से 100 करोड़ रुपये की ठगी का आरोप है."