Jammu Kashmir Assembly Elections 2024: जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव को लेकर सभी पार्टियां रणनीति बनाने में जुटी है. इस बीच अवामी इत्तेहाद पार्टी के सुप्रीमो शेख अब्दुल राशिद उर्फ ​​इंजीनियर ने गुरुवार (12 सितंबर) को 'बीजेपी का प्रॉक्सी' होने के दावों को खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि अगर इंडिया गठबंधन केंद्र में सत्ता में आने पर केंद्र शासित प्रदेश में अनुच्छेद 370 को बहाल करने का वादा करता है, तो वह उसको समर्थन देने के लिए तैयार होंगे.


हिन्दुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, बारामूला से लोकसभा सांसद इंजीनियर राशिद ने गुरुवार (12 सितंबर) को कहा, "अगर इंडिया गठबंधन हमें आश्वासन देता है कि वह दिल्ली में सत्ता में आने पर अनुच्छेद 370 को बहाल करेगा, तो मैं अपने हर उम्मीदवार से कहूंगा कि वे अपने समर्थकों का एक-एक वोट उनके लिए दें.


2019 में इंजीनियर राशिद UAPA के तहत किए गए थे गिरफ्तार  


इंजीनियर राशिद को साल 2019 में यूएपीए के तहत गिरफ्तार किया गया था. वह जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनावों के लिए प्रचार करने के लिए कोर्ट द्वारा अंतरिम जमानत पर रिहा होने के बाद 11 सितंबर को जेल से बाहर आए थे. बारामुल्ला के सांसद ने कहा कि यदि भारत को वैश्विक नेता के रूप में देखा जाना है तो उसे सबसे पहले कश्मीर मुद्दे का समाधान करना होगा.


अगर भारत को विश्वगुरु बनना है तो कश्मीर का समाधान करना होगा


इंजीनियर राशिद ने कहा, "अगर भारत को विश्वगुरु बनना है तो कश्मीर का समाधान करना होगा. अगर पीएम मोदी के पास कोई बेहतर समाधान है तो कृपया हमें बताएं. आप कह रहे हैं कि दूसरा पक्ष (कश्मीर का) इस पक्ष में शामिल होना चाहता है.यह सच भी हो सकता है लेकिन हम इसका पता कैसे लगाएंगे?"


BJP उम्मीदवार का समर्थन करने पर किया गया था मजबूर



जेल से रिहा होने के कुछ समय बाद ही इंजीनियर रशीद ने आगामी विधानसभा चुनावों के लिए खुद को “बीजेपी का प्रॉक्सी” होने के दावों को खारिज करते हुए कहा कि वह खुद बीजेपी का “शिकार” है. उन्होंने यह भी दावा किया कि उन्हें उत्तरी कश्मीर से “बीजेपी के प्रॉक्सी उम्मीदवार” का समर्थन करने के लिए मजबूर किया गया था, लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया.

 

BJP का समर्थन न करने पर रखा मानसिक मरीजों के वार्ड में

 

उन्होंने कहा, "मैं चर्चा में कड़वाहट नहीं जोड़ना चाहता. मुझे जेल में कैदियों को मिलने वाली बुनियादी सुविधाएं नहीं दी गईं, क्योंकि मैंने बीजेपी के उम्मीदवार, तीसरे स्थान पर रहे सज्जाद लोन का समर्थन करने से इनकार कर दिया था. इसलिए मुझे डेढ़ महीने तक मानसिक मरीजों के वार्ड में रखा गया था. अगर सच्चाई के लिए यह कीमत चुकानी पड़े तो मुझे कोई अफसोस नहीं है.


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