नई दिल्ली: देश में प्रतिभाओं की कमी नहीं है. भारत के युवा सीमाओं को तोड़कर पूरी दुनिया में देश का झंडा बुलंद कर रहे है. इसी बीच महाराष्ट्र के कोल्हापुर जिले के एक इंजीनियरिंग कॉलेज के पांच छात्रों ने मिलकर एक ऐसा रोबोट बनाया है जो अंग प्रत्यारोपन के लिए ऑर्गन को एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाने में सक्षम है.
छात्रों का बनाया यह नया रोबोट ग्रीन कॉरिडोर के विकल्प के रूप में इस्तेमाल किय जा सकता है. इस रोबोट में रोबोटिक्स और एयरोनॉटिक्स तकनीक का इस्तेमाल किया गया है. जिसकी वजह से यह रोबोट एक जगह से दूसरी जगह उड़ान भरने में भी सक्षम है.
दरअसल आईआईटी बॉम्बे ने रोबोटिक्स प्रतियोगिता का आयोजन किया था, इसमें 16 फाइनलिस्ट को चुना गया. इन 16 फाइनलिस्ट में जेजे मगदम कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग भी शामिल है. ये 16 चुने गए फाइनलिस्ट 8 और 9 अप्रैल को होने वाले ई-यंत्रा सिंपोजियम में अपने रोबोट की प्रदर्शनी करेंगे.
ई-यंत्रा प्रतियोगिता के एक अधिकारी कवि आर्या ने कहा, ''कोल्हापुर के छात्रों के जरिए बनाया गया रोबोट ड्रोन और हवाईजहाज को मिलाकर बनाया गया एक यंत्र है. आर्या ने कहा कि यह ड्रोन की तरह हवा में उड़ान भर सकता है और ऐसा करने के लिए इसे बेहद ही कम जगह चाहिए.
आईआईटी ने इस बार प्रतिभागियों से कहा था कि वे लोकल इंडस्ट्री में जाएं, पता लगाएं कि उन्हें किस तरह की समस्याएं आ रही हैं और फिर इन समस्याओं को दूर करने लिए एक रोबोट तैयार करें. आर्या ने बताया कि इस बार आईआईटी बॉम्बे में कुल 331 आवेदन मिले, जिसमें से 16 को फाइनल के लिए चुना गया.
इस प्रतियोगिता के सभी विजेताओं को इनाम दिया जाएगा, वहीं उनमें से कुछ को आईआईटी बॉम्बे में छह हफ्तों के लिए इंटर्नशिप का मौका मिलेगा. जहां छात्र आईआईटी बॉम्बे में रोबोटिक्स लैब इस्तेमाल सकेंगे और इसके लिए एक मेंटर को भी बहाल किया जाएगा.