नई दिल्लीः पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम सीबीआई में पूछताछ के दौरान अपने ही सवालों के जवाब मे फंसते नजर आ रहे हैं. सीबीआई उनके जवाबों के बाद उन्हें दस्तावेजी सबूत दिखा कर पूछताछ कर रही है और ये दस्तावेज खुद उनके बेटे और उसके सीए के यहां से बरामद हुए है.


पूर्व वितमंत्री पी चिदंबरम को सीबीआई की विशेष अदालत ने 26 अगस्त तक के लिए सीबीआई रिमांड पर भेज दिया है और अब रिमांड पर चिदंबरम से पूछताछ का दौर शुरू हो गया है. गुरूवार की शाम सात बजे सीबीआई मुख्यालय में वापस आने के बाद चिदंबरम से पूछताछ का दौर शुरू हुआ था. तब सूत्रों के मुताबिक दिलचस्प नजारा सामने आया. सूत्रों के मुताबिक जांच अधिकारी ने चिदबंरम से एफडीआई फॉरेन पॉलिसी के बारे में पूछा तो चिदंबरम ने कहा कि उन्हें याद नही है इस पर जांच अधिकारी ने उन्हे पॉलिसी पढ़ने के लिए दी.


सूत्रों ने बताया कि पूर्व वितमंत्री ने लगभग 45 मिनट तक ये पॉलिसी पढ़ी और उसके बाद आधे घंटे तक जांच अधिकारी को पॉलिसी पर एक टीचर की तरह बोलते रहे और दिलचस्प यह रहा कि उसमें जांच अधिकारी के लिए काम की कोई बात नहीं थी. सूत्रों ने बताया कि बात यहीं खत्म नही हुई चिदंबरम ने इसके बाद अपने घर से खाना मंगा कर खाया और उसके बाद पूछताछ का दौर शुरू हुआ. उसमें कुछ सवाल जवाब यहां पर दिए गए हैं.


सवालः चेस मैनेजमेंट कंपनी को जानते हैं?


जवाबः नहीं


सवालः एडवांटेज और आसब्रिज कंपनी के बारे में जानते हैं?


जवाबः आप लोगों से ही सुना है


सवालः कार्ति की कंपनियों के बारे में जानते हैं?


जवाबः वो अपना धंधा खुद करता है मैं ज्यादा नहीं जानता.


सवालः भास्कर रमन को जानते हैं?


जवाबः मेरे बेटे का दोस्त है बस इतना.


सवालः आईएनएक्स मीडिया ने आपके बेटे की कंपनी को किश्तो में करोड़ों रुपये क्यों दिए?


जवाबः मुझे इस बारे मे कुछ नही पता.


सूत्रों ने बताया कि इसके बाद सीबीआई ने आज चिदंबरम को दस्तावेजों के आधार पर ऐसा घेरा कि उन्हें जवाब देना भारी लगने लगा. सूत्रों के मुताबिक सीबीआई के पास वो सरकारी दस्तावेज है जिसमें ये दावा किया गया है कि चिदंबरम के बेटे कार्ति से जुडी कंपनियों मे आईएनएक्स मीडिया कंपनी ने तब पैसे भेजे जब चिंदबरम के अधीन आने वाले एफआईपीबी बोर्ड ने आयकर विभाग को यह लिख कर भेज दिया कि आईएनएक्स ने फेमा के तहत कोई उल्लंघन नहीं किया है. आयकर विभाग ने चार करोड़ की एप्रूवल के बदले 395 करोड रुपये लाने पर आईएनएक्स को नोटिस दिया था जिसके जवाब में पीटर इंद्राणी ने चिदंबरम के बेटे कार्ति से मुलाकात की और उसके बाद उन्हें वित्त मंत्रालय की तरफ से हरी झंडी दी गई और आईएनएक्स ने कथित रिश्वत की रकम दी.


सूत्रों ने बताया कि चिदंबरम से पूछा गया कि एफआईपीबी बोर्ड ने किसके कहने पर मंजूरी दी? क्या कार्ति के कहने से मंजूरी दी गई या फिर चिदंबरम के कहने पर मंजूरी दी गई? उन से यह भी पूछा गया कि आखिर कोई कंपनी कार्ति को पैसे क्यों देगी जबकि कार्ति का मीडिया जगत से कोई लेना देना भी नही है.


सूत्रों ने बताया कि पूछताछ के अगले चरणों मे सीबीआई इतने सबूत और लीड एकत्र करना चाहती है जिनसे चिदबंरम के लिए बचना नामुमकिन हो जाए. हालांकि चिदंबरम अपने बचाव मे वकीलों की तरह जिरह कर रहे हैं. फिलहाल चिदबंरम से पूछताछ जारी है.


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