Parliament Winter Session: संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान लोकसभा में सरकार ने बताया कि पिछले तीन सालों में कक्षा 1 से 8 तक के सरकारी स्कूलों में नामांकन में वृद्धि हुई है. इसके अलावा, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री वीरेंद्र कुमार ने कहा कि 2022-23 से प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना केवल कक्षा 9 और 10 के छात्रों के लिए उपलब्ध है.


संसद में एक लिखित जवाब में उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों में कक्षा 1 से 8 तक के नामांकन में पिछले 3 सालों में लगभग डेढ़ करोड़ की वृद्धि हुई है. साल 2021-2022 से अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए प्री-मैट्रिक स्कॉलरशिप योजना के तहत केवल कक्षा 9 और 10 के छात्रों को छात्रवत्ति देने का निर्णय लिया गया है. अनुसूचित जाति और अन्य को प्री-मैट्रिक स्कॉलरशिप स्कीम के तहत साल 2012-13 में योजना की शुरुआत के बाद से केवल कक्षा 9 और 10 के छात्रों को मैटिक स्कॉलरशिप दी जा रही है.


बच्चों को स्कूल जाने के लिए प्रोत्साहित कर रही सरकार


उन्होंने कहा कि इन समुदायों के बच्चों को स्कूल जाने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए, सरकार समग्र शिक्षा अभियान, पीएम पोशन, आदि विभिन्न कार्यक्रमों के तहत मुफ्त शिक्षा, मुफ्त वर्दी, मुफ्त भोजन आदि प्रदान कर रही है. कुमार ने यह भी कहा कि पहले आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति प्रदान नहीं की जाती थी, लेकिन संशोधित योजना में उन्हें नौवीं और दसवीं कक्षा के लिए प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति देने पर भी विचार किया जा रहा है.


मंत्री ने कहा कि शिक्षा का अधिकार (आरटीई) अधिनियम, 2009 के तहत, सरकार प्रत्येक बच्चे को मुफ्त और अनिवार्य प्रारंभिक शिक्षा (कक्षा पहली से आठवीं) प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है.


वीरेंद्र कुमार ने लोकसभा में प्रश्नकाल में कहा कि ओबीसी के लिए जो संशोधित छात्रवृत्ति है, उसके लागू होने के बाद ‘शिक्षा के अधिकार’ (आरटीई) अधिनियम के तहत ओबीसी के छात्रों के पंजीकरण में वृद्धि हुई है. उन्होंने बीजेपी के जयंत कुमार राय के पूरक प्रश्न का उत्तर देते हुए बताया कि 2019-20 में पहली कक्षा से आठवीं कक्षा में पंजीकरण कराने वाले ओबीसी के छात्रों की संख्या 10,16,82,222 थी जो 2020-21 में बढ़कर 11,10,57,666 हो गई.


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