बांडीपोर: उत्तरी कश्मीर के बांडीपोर ज़िले के वियन गांव तक जाने के लिए कोई सड़क नहीं है. यहां स्वास्थ्य सेवाएं भी नहीं हैं. आज़ादी के 73 साल बाद भी ये गांव इन सभी सुख सुविधाओं से वंचित है. लेकिन स्वास्थ्य कर्मियों ने रिकॉर्ड 4 घंटें के अंदर इस पूरे गांव का का टीकाकरण कर दिया. राज्य में 45 साल से ऊपर के व्यक्तियों का टीकाकरण बड़े पैमाने पर जारी है.
जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने 30 जून तक प्रदेश के 45५ साल से ज़ायदा के सभी लोगों का 100 फीसदी टीकाकरण करने का लक्ष्य रखा है. इस लक्ष्य के तहत प्रशासन ने पहले चरण में दुर्गम इलाकों में अलग थलग पड़े छोटे छोटे गांवों में टीकाकरण करने को प्राथमिकता दी है.
सड़क से कई घंटे पैदल की दूरी पर है गांव
इस क्रम में जिला मुख्यालय से 45 किलोमीटर दूर वियन गांव को चुना गया. इस गांव के लोगों ने बताया कि ये गांव सबसे नजदीकी सड़क से कई घंटे पैदल की दूरी पर है. इसके बाद वैक्सीन लाने वाली मेडिकल टीम के लोगों ने गांव तक का यह फांसला चार घंटे पैदल चलकर पूरा किया.
इस इलाके के ब्लॉक मेडिकल अफसर डॉ मसरत इक़बाल के मुताबिक, पूरे गांव को एक साथ टीका लगाने के लिए मेडिकल टीम के साथ-साथ आंगनवाड़ी वर्कर, आशा वर्कर, शिक्षा विभाग के कर्मचारियों और ब्लॉक लेवल वर्कर की मदद ली गई. जिसके बाद चार घंटों के रिकार्ड समय में पूरे गांव का टीकाकरण किया गया.
घने जंगलो, ऊंचे पहाड़ी इलाकों और नदी नालों को पार करके जाना पड़ा
गांव तक पहुंचने के लिए टीम को घने जंगलो, ऊंचे पहाड़ी इलाकों और नदी नालों को पार करके जाना पड़ा. गांव के लिए सड़क संपर्क बिलकुल भी नहीं है. सर्दी के समय में तो पूरा इलाका पूरी तरह से कट जाता है. इसलिए ये गांव कोरोना वायरस की दूसरी लहर में संक्रमण से बचा रहा. स्थानीय निवासी नज़ीर अहमद ने कहा कि जिस तरह से स्वास्थ्य कर्मियों ने कुछ घंटों में सबको टीका लगाया, ये काम काफी सराहनीय है. अब लग रहा है कि सरकार हम लोगों के लिए चिंतित है.
बता दें कि वियन गांव बांडीपोर ज़िले में 100 फीसदी वैक्सीनेशन के तहत आने वाला पहला गांव बन गया है, लेकिन अभी भी इस पूरे ज़िले में बहुत काम बाकी है. पहाड़ी और दुर्गम इलाका होने के साथ साथ इस ज़िले के कई गांव सड़क संपर्क से दूर हैं और इसी कारण यहां पर टीकाकरण का काम तेज़ी से नहीं हो सका. ज़िले में 45 साल से ज़ायदा उम्र के 64% लोगों को वैक्सीन लगाई गई है.
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