नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में प्रदूषण को लेकर गए उठाए गए कदमों और उससे हुए असर का क्रेडिट लेने की होड़ लगी है. इस बीच केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर केंद्र सरकार द्वारा उठाए गए कदमों और आंकड़ों को पेश किया. उन्होंने साफ़ कहा केंद्र सरकार द्वारा किए गए कामों की वजह से दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण कम हुआ. उन्होंने सिलसिलेवार 2014 से लेकर 2019 का ब्यौरा भी दिया. इस बीच केजरीवाल का नाम लिए बगैर सीधे तौर पर कहा प्रदूषण की लड़ाई में तू तू मैं मैं नहीं करना चाहता, कुछ लोगों की आदत ही है कि दूसरे के काम की टोपी खुद पहनते हैं.


गौरतलब है कि हाल ही में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दावा किया था कि दिल्ली सरकार द्वारा प्रदूषण को लेकर उठाए गए कदमों की वजह से दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण में कमी आई है. दिल्ली सरकार ने इसको लेकर कई विज्ञापन भी जारी किए. एक तरह से दिल्ली में कम हुए प्रदूषण और एयर क्वालिटी ठीक होने की क्रेडिट लेने की होड़ मची हुई है. इसी क्रम में सोमवार को केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने पत्रकारों से बात की.


प्रकाश जावड़ेकर ने कहा, ''हर साल अक्टूबर महीने में दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण रोकने के लिए कदम उठाये जाते हैं. लेकिन मैं आपको बताना चाहता हूं कि 2006 से दिल्ली की हवा तेजी से बिगड़ने लगी थी. उद्योग से प्रदूषण बढ़े, गाड़िया बढ़ी, जनसंख्या बढ़ी. लेकिन 2014 तक इसका जिक्र तक नहीं होता था. लेकिन 2014 में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बने. उसके बाद से प्रदूषण को लेकर काम शुरू हुआ. 2014 में पहली दफा एयर इंडेक्स क्वालिटी जारी किया गया.''


केंद्रीय मंत्री ने कहा, ''2015 में पीएम के नेतृत्व में फैसला लिया गया और बीएस 4 पेट्रोल डीजल लागू किया गया. यही नहीं 2020 अप्रैल से बीएस6 इंजन वाले वाहन आने से बड़ी मात्रा में प्रदूषण कम करने में मदद मिलेगी. केंद्र सरकार ने 60 हज़ार करोड़ रुपये का निवेश रिफाइनरी में किया है. ईस्टर्न वेस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस वे का निर्माण किया गया. इससे भी प्रदूषण कम करने में मदद मिली. मोटर वाहन संशोधन कानून के आने से पीयूसी प्रमाण लेने वाले लाखों लोग सामने आए है. पिछले 5 सालों में 500 सीएनजी स्टेशन खोले गए है.''


उन्होंने कहा, ''कचरा से 52 मेगावाट बिजली पैदा हो रहा है. वेस्ट टू कम्पोस्ट प्लांट का भी इस्तेमाल किया जा रहा है. आज़ाद भारत में पहली बार कंस्ट्रक्शन डेमोलिशन वेस्ट मैनेजमेंट शुरू किया है. इसके लिए 3 नए यूनिट लगाए गए हैं. डस्ट मैनेजमेंट के लिए भी कदम उठाए गए हैं.''


जावड़ेकर ने कहा कि पराली को जलाने की पद्धति बहुत पहले से है, हरियाणा और पंजाब के किसान जलाते हैं. केंद्र सरकार ने 1150 करोड़ रुपये अनुदान दिया है. 18000 मशीन हरियाणा पंजाब के किसानों को दिया गया है. जावड़ेकर के मुताबिक, इससे प्रदूषण में खासी कमी आएगी. उन्होंने ग्रीन पटाखा ही जलाने की सलाह दी. उन्होंने कहा कि बच्चे ही अपने अभिभावकों को बताएंगे कि पटाखा नहीं छोड़ा जाना चाहिए. अगर उत्सव के लिए पटाखा छोड़ा जाता है तो मेरी अपील है कि ग्रीन पटाखे छोड़े जाएं.


प्रकाश जावड़ेकर दिल्ली में लगातार कम हो रहे प्रदूषण को लेकर सरकार की योजनाएं गिना रहे थे. क्योंकि हाल में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दावा किया था कि दिल्ली सरकार की पहल के चलते दिल्ली में प्रदूषण कम हुआ है जब इस पर जावड़ेकर से सवाल किया गया तो उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा प्रदूषण की लड़ाई में मैं तू तू मैं मैं नहीं करना चाहता कुछ लोगों की आदत है कि दूसरे के काम की टोपी खुद पहनते हैं.