Cheetah Project: जो देश में लाया चीते, घट गया उसी अधिकारी का कार्यकाल, जानें क्यों हुआ ऐसा
Cheetah Project में बायोलॉजिस्ट वाईवी झाला ने अहम भूमिका निभाई है. 2009 से ही वो इस प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं. झाला ने नामीबिया-दक्षिण अफ्रीका में तकनीकी वार्ता का नेतृत्व भी किया था.
Cheetah Project Scientist Y V Jhala: पर्यावरण मंत्रालय ने मंगलवार (28 फरवरी) को प्रसिद्ध जीवविज्ञानी और भारतीय वन्यजीव संस्थान (WII) के डीन वाईवी झाला के कार्यकाल को एक साल के लिए कम कर दिया है. पिछले साल 28 फरवरी को रिटायरमेंट के वक्त वाईवी झाला का कार्यकाल दो साल के लिए बढ़ा दिया गया था. मंत्रालय के एक आदेश में कहा गया है कि झाला की तत्काल सेवानिवृत्ति से उत्पन्न रिक्ति को वैज्ञानिकों की भर्ती की चल रही प्रक्रिया के माध्यम से भरा जाएगा.
वाईवी झाला ने साल 2009 से महत्वाकांक्षी चीता परियोजना के लिए तकनीकी आधार तैयार किया था. झाला संरक्षणवादी एमके. रंजीत सिंह के नेतृत्व में 2010 में गठित चीता टास्क फोर्स के सदस्य थे. माना जाता है कि चीता प्रोजेक्ट की वजह से ही उनके कार्यकाल को दो साल के लिए बढ़ाया गया था. हालांकि, द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, सितंबर-2022 में नामीबिया से चीतों के पहले जत्थे को भारत लाने के कुछ दिनों बाद, झाला को सरकार की नई चीता टास्क फोर्स से हटा दिया गया था.
'मैं हैरान और चिंतित हूं'
झाला को बाहर किए जाने के बारे में पूछे जाने पर रंजीत सिंह ने कहा, "मैं बहुत हैरान और चिंतित हूं. चीता प्रोजेक्ट के हित में सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि यह कार्रवाई क्यों जरूरी थी." वहीं मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "चीता प्रोजेक्ट के लिए झाला का कार्यकाल बढ़ाया गया था, अब जब वे परियोजना का हिस्सा नहीं थे, तो ऐसे में साफ है कि उन्हें पद से राहत दी जाएगी." बता दें कि वाईवी झाला ने अभी तक अपने कार्यकाल को घटाए जाने पर कुछ नहीं कहा है.
तकनीकी वार्ता का किया नेतृत्व
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रंजीत सिंह के साथ झाला ने संभावित चीता रिहाई स्थलों पर पहली रिपोर्ट तैयार की थी. तत्कालीन केंद्रीय पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश ने साल 2009 में उन्हें सर्वेक्षण का काम सौंपा था. वहीं, 2022 में भारत ने चीता एक्शन प्लान को अंतिम रूप दिया. झाला नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका में वन्यजीव जीवविज्ञानी के साथ तकनीकी वार्ता का नेतृत्व भी कर रहे थे.
जयराम रमेश ने ट्वीट किया, "चीता को फिर से लाने में अहम भूमिका निभाने वाले शख्स को आज बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है. डॉ. वाईवी झाला को पिछले साल भारतीय वन्यजीव संस्थान में 2 साल का विस्तार दिया गया था, लेकिन अब इसे कम कर दिया गया है."