India on Environment Performance Index-2022: भारत सरकार ने पर्यावरण प्रदर्शन सूचकांक-2022 (Environment Performance Index) में देश की रैंकिंग को मानने से इनकार कर दिया है. केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय (Environment Ministry) ने पर्यावरण प्रदर्शन सूचकांक- 2022 को खारिज कर दिया है. पर्यावरण को लेकर जारी सूचकांक में भारत को 180 देशों की लिस्ट में सबसे निचले पायदान पर रखा गया है. पर्यावरण मंत्रालय ने कहा कि सूचकांक में इस्तेमाल किए गए सूचक अनुमानों और अवैज्ञानिक (Unscientific) तरीकों पर आधारित है. 


पर्यावरण प्रदर्शन सूचकांक अमेरिकी संस्थानों की ओर से जारी किया गया है. पर्यावरण प्रदर्शन सूचकांक की रिपोर्ट के मुताबिक खतरनाक एयर क्वालिटी और बढ़ते ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन के साथ भारत रैंकिंग में सबसे निचले स्थान पर है. भारत को म्यांमार, वियतनाम, बांग्लादेश और पाकिस्तान से भी बदतर बताया गया है.


भारत ने EPI-2022 को किया खारिज


केंद्र सरकार ने पर्यावरण प्रदर्शन सूचकांक 2022 की रिपोर्ट का पूरी तरह से खंडन किया है और इसके आकलन के पैमाने और तरीकों को लेकर सवाल खड़े किए हैं. पर्यावरण मंत्रालय की ओर से एक बयान में कहा गया है कि 'हाल ही में जारी पर्यावरण प्रदर्शन सूचकांक (EPI) 2022 में खामियां हैं. सूचकांक में कई सूचक निराधार मान्यताओं पर आधारित हैं. प्रदर्शन का आकलन करने के लिए इस्तेमाल किए गए कुछ सूचक अनुमानों और अवैज्ञानिक तरीकों पर आधारित हैं.


पर्यावरण प्रदर्शन सूचकांक में ऊपर कौन?


येल सेंटर फॉर एनवायर्नमेंटल लॉ एंड पॉलिसी और कोलंबिया यूनिवर्सिटी (Colombia University) के ‘सेंटर फॉर इंटरनेशनल अर्थ साइंस इंफॉर्मेशन नेटवर्क’ की ओर से हाल में प्रकाशित 2022 पर्यावरण प्रदर्शन सूचकांक (EPI) में डेनमार्क (Denmark) सबसे ऊपर है. इसके बाद ब्रिटेन (Britain) और फिनलैंड (Finland) को स्थान मिला है. येल और कोलंबिया यूनिवर्सिटी (Yale and Columbia Universities) की ओर से प्रकाशित सूचकांक में क्लाइमेट चेंज, पर्यावरणीय स्वास्थ्य और पारिस्थतिकी के महत्व के मामले में देशों की परख के लिए 11 श्रेणियों में 40 प्रदर्शन सूचकों का उपयोग किया गया. 


किन-किन देशों की रैंकिंग सबसे खराब?


पर्यावरण प्रदर्शन सूचकांक 2022 (Environment Performance Index 2022) की रिपोर्ट के मुताबिक सबसे कम अंक भारत को मिले हैं. भारत (18.9), म्यांमार (19.4), वियतनाम (20.1), बांग्लादेश (23.1) और पाकिस्तान (24.6) को मिले हैं. चीन को 28.4 अंकों के साथ 161वां स्थान मिला है. कम अंक पाने वाले ज्यादातर वो देश हैं जिन्होंने स्थिरता पर आर्थिक विकास को प्राथमिकता दी है या फिर वो देश हैं जो अशांति और अन्य संकटों से जूझ रहे हैं. ईपीआई डेटा (EPI Data) के विश्लेषण से पता चलता है कि देश की स्थिरता को बढ़ाने में वित्तीय संसाधन, सुशासन, मानव विकास और नियामक गुणवत्ता मायने रखती है.


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