विश्व जहां कोरोना महामारी से जूझ रहा है, वहीं बढ़ता प्रदूषण भी बढ़ा खतरा बना हुआ है. पर्यावरण को लेकर काम कर रही संस्था "स्फीहा" ने बच्चों के बीच अन्तराष्ट्रीय निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया. इस प्रतियोगिता में बच्चों ने पानी, प्रदूषण और पर्यावरण जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर पर निबंध लिखा.
दरअसल, कोविड-19 का शिकार हो रहे लोगों के लिए यह बढ़ता प्रदूषण घातक और खतरनाक साबित हो रहा है. ऐसे में पर्यावरण को लेकर लोग संवेदनशील शील हो, संजीदा हो, जागरूक हो और पर्यावरण को बचाने के लिए सभी अपने कदम बढ़ाए ये बेहद जरूरी हो जाता है.
पर्यावरण को बचाना है तो बच्चों को करना होगा जागरूक, तभी आगे चलकर करेंगे भागीदारी
पर्यावरण को लेकर काम कर रही संस्था "स्फीहा" के सदस्य डॉ एम एस भारद्वाज जो खुद बच्चों के जाने माने डॉक्टर है उन्होंने बताया की बच्चों के बीच इस प्रतियोगिता को कराने का मकसद बच्चों के बीच बचपन से ही जागरूकता लानी होगी. जिससे बच्चे आगे चलकर पर्यावरण को बचाने में भूमिका निभा सकें. अगर नींव नमजबूत होगी तो वृक्ष भी मजबूत होगा. ये बच्चे पर्यावरण को बचाने में अहम भूमिका निभा सकते है.
दिल्ली सहित देश और विदेश से 3000 बच्चों ने लिया प्रतियोगिता में भाग
"स्फीहा" की इस प्रतियोगिता में ना सिर्फ दिल्ली बल्कि देश के अलग-अलग शहरों के अलावा विदेश से भी बच्चों ने हिस्सा लिया. पर्यावरण से जुड़े मुद्दों पर हुए इस निबंध प्रतियोगिता में दिल्ली के साथ-साथ देश के अलग-अलग राज्यों से, साथ ही विदेश से भी करीब 3000 बच्चों ने भाग लिया. "स्फीहा" ने 108 बच्चों को अलग-अलग कैटेगरी में इनाम भी दिए. इससे पहले ये संस्था बच्चों के बीच में पर्यावरण को लेकर ड्राइंग कंपटीशन का भी आयोजन कर चुकी है. मकसद कहीं न कहीं बचपन से ही बच्चों को पर्यावरण के लिए जागरूक करना है जिससे विश्व को ग्लोबल वार्मिंग और बढ़ते प्रदूषण जैसे बड़े खतरों से बचाया जा सके.
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