नई दिल्लीः दिल्ली पुलिस की EOW (इकनॉमिक अफेयर्स विंग) ने पंजाब नेशनल बैंक मुंबई की ब्रैडी हॉउस ब्रांच के एजीएम पीके वरुण सहित चार लोगों को करीब 7.5 करोड़ रुपये फर्जी तरीके से लोन लेने के मामले में गिरफ्तार किया है. पुलिस के मुताबिक पकड़े गए आरोपियो ने दिल्ली के कनाट प्लेस में चर्चित एफ बार एंड लाउन्ज खोलने के लिए फ़र्ज़ी दस्तावेज तैयार किये और इसमें इनकी मदद उस समय के पीएनबी, ब्रैडी हाउस ब्रांच के एजीएम पीके वरुण ने की.


पुलिस के मुताबिक लोन लेने के लिए एकाउंट होल्डर कभी मुम्बई के पीएनबी बैंक की ब्रैडी ब्रांच गए ही नही बल्कि लोन हासिल करने के लिए सभी जरूरी फ़र्ज़ी दस्तावेज पीके वरुण की मदद से तैयार किये गए. लोन लेने के लिए फर्जी डाक्यूमेंट्स और फर्जी साइट इंस्पेक्शन की रिपोर्ट तैयार की गई. दरअसल इस मामले में पीके वरुण का बेटा उस कंपनी में 20 परसेंट का हिस्सेदार था जिस कंपनी के जरिए एफ बर एंड लाउंज खोला गया था.


इस मामले में पुलिस ने सबसे पहले अमरजीत सिंह नाम के एक शख्स को गिरफ्तार किया जिस से पूछताछ के बाद ही इस पूरी साजिश का खुलासा हुआ. अमरजीत ने पुलिस को बताया कि इस लोन को हासिल करने के लिए पहले इन्होंने दिल्ली के मयूर विहार की पीएनबी ब्रांच में फर्जी अकाउंट खुलवाया और उस अकाउंट के जरिए करीब 50 लाख का लोन हासिल किया. यह अकाउंट भी फर्जी दस्तावेज के जरिए खोला गया था इसके बाद इन लोगों ने इस पैसे से नोएडा के सूरजपुर में एक फैक्ट्री खोली जिसे चालू हालत में दिखाया गया. दरअसल इस फैक्ट्री को खोलने का मकसद इसके जरिये लोन हासिल करना था.


पुलिस के मुताबिक अजय कुमार शर्मा जो इस फर्जीवाड़े में मुख्य सूत्रधार था उसने इसके बाद अमरजीत सिंह के साथ मिलकर मुंबई में शैल कंपनी खोली और फिर फर्जी दस्तावेज फर्जी साइट इंस्पेक्शन रिपोर्ट और पी के वरुण की मदद से 7 करोड़ रुपए का लोन मुम्बई की पीएनबी बैंक की ब्रैडी हाउस ब्रांच से हासिल कर लिया और फिर उस पैसे को इन शेल कंपनीज में डाल कर निकाल लिया गया.


इस लोन को हासिल करने के लिए जिन प्रॉपर्टी की सेल डीड लगाई गई थी वह भी फर्जी थी. पुलिस के मुताबिक करीब 3 साल तक इस एफ बार एंड लाउंज को चलाने के बाद बंद कर दिया गया और फिर बैंक को लोन का पैसा नहीं दिया गया. पुलिस के मुताबिक नीरव मोदी घटना होने के बाद इन लोगों ने अपने मोबाइल फोन बंद कर दिए थे और फरार हो गए थे. इसके बाद टीम बनाकर पुलिस ने सबसे पहले अमरजीत सिंह को गिरफ्तार किया और इसके बाद कड़ियां जुड़ती चली गई.


पुलिस ने इस मामले में पीएनबी बैंक ब्रैडी हाउस ब्रांच के उस वक्त के एजीएम पीके वरुण, अमरजीत सिंह, अजय कुमार शर्मा और सुरेश नाम के एक और शख्स को गिरफ्तार कर लिया है. दिल्ली पुलिस के आला अधिकारियों के मुताबिक पीके वरुण फिलहाल पीएनबी से सस्पेंड चल रहा था. सबसे खास बात यह की मुंबई की जिस ब्रांच से ये लोन पास किया गया उसी ब्रांच के जरिये नीरव मोदी और मेहुल चोकसी 13000 करोड़ हासिल कर फरार हुआ था. इस मामले में अभी और भी गिरफ्तारियां होनी हैं. इस मामले में पुलिस जो उस वक्त के पीएनबी बैंक के ब्रैडी हाउस ब्रांच और दिल्ली के मयूर विहार ब्रांच के मैनेजर की तलाश है.