कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने शनिवार को वित्त वर्ष 2021-22 के लिए भविष्य निधि (ईपीएफ) जमा पर ब्याज दर को घटाकर 8.1 फीसदी करने का फैसला किया है. यह बीते चार दशक में सबसे कम ब्याज दर है. 2020-21 में यह दर 8.5 फीसदी थी. वहीं विपक्षी दल सरकार के इस फैसले के विरोध में उतर आए हैं. इसे लेकर विपक्ष के नेता मोदी सरकार की आलोचना कर रहे हैं.
रणदीप सिंह सुरजेवाला ने साधा निशाना
कांग्रेस के नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला का इस फैसले पर कहना है कि, ‘देश के 84% लोगों की आमदनी घट चुकी है. क्या चुनावी जीत के आधार पर करोड़ों कर्मचारियों की बचत पर धावा बोलना सही है? EPFO ने PF जमा पर मिलने वाली ब्याज़ दरों में कटौती करते हुए इसे दस साल के सबसे निचले स्तर पर पहुंचा दिया है. क्या यही भाजपा की जीत का “रिटर्न गिफ़्ट” है’?
जयंत चौधरी का हमला
आरएलडी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी ने भी सरकार के इस फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने ट्विटर पर लिखा है, ‘2021-22 के लिए ब्याज दर 8.1 फीसदी (10 साल का न्यूनतम स्तर) हो गई है. महंगाई के दौर में वेतनभोगियों के लिए करारा झटका.’
नरेंद्र मोदी पर अटैक
कांग्रेस की प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने इस फैसले पर ट्वीट करते हुए कहा है कि, ‘EPFO पर ब्याज दर घट कर वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए अब 8.1% हो गई है जो 10 साल के सबसे निचले स्तर पर है. पहले बेरोज़गारी, फिर कम आय और महंगाई, अब भविष्यनिधि पर डाका.. वाह मोदी जी.’
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