नई दिल्ली: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने सोमवार को जनगणना भवन की आधारशिला रखे जाने के मौके पर कहा कि देश में आधार, पासपोर्ट, बैंक खाते, ड्राइविंग लाइसेंस, और वोटर कार्ड जैसी सभी सुविधाओं के लिए एक ही कार्ड हो सकता है. इसकी संभावनाएं हैं. अमित शाह के बयान के बाद मल्टीपर्पज कार्ड को लेकर चर्चा शुरू हो गई है. ऐसे में कहा जा रहा है कि क्या सरकार MPNIC (बहुउद्देशीय राष्ट्रीय पहचान पत्र) की बात कर रही है जिसको लेकर पहले भी सुझाव दिया जा चुका है. इस पर विस्तार से बात करें इससे पहले आइए जानते हैं कि आखिर यह MPNIC क्या है ?


क्या है MPNIC


गृहमंत्री का मल्टीपर्पज कार्ड का सुझाव बहुउद्देशीय राष्ट्रीय पहचान पत्र (MPNIC) से मिलता जुलता है, जिसे अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के दौरान मंत्रियों के एक सशक्त समूह द्वारा राष्ट्रीय सुरक्षा प्रणाली को सुधारने के लिए 2001 की रिपोर्ट सुझाया गया था.


उस वक्त eGOM (मंत्रियों का अधिकार प्राप्त समूह) में लालकृष्ण आडवाणी, (गृह मामलों के मंत्री), जॉर्ज फर्नांडिस (रक्षा मंत्री), जसवंत सिंह (विदेश मंत्री), और यशवंत सिन्हा (वित्त मंत्री) थे. उन्होंने अवैध प्रवास से बढ़ते खतरे के संबंध में MPNIC की सिफारिश की थी.


eGOM ने कहा था , “अवैध प्रवासन ने गंभीर रूप से संकट पैदा कर दिया है. अब भारत में रहने वाले नागरिकों और गैर-नागरिकों का अनिवार्य पंजीकरण होना चाहिए. इससे नागरिकों के राष्ट्रीय रजिस्टर तैयार करने में आसानी होगी. सभी देश के नागरिकों को एक बहुउद्देश्यीय राष्ट्रीय पहचान पत्र (MPNIC) दिया जाना चाहिए और गैर-नागरिकों को एक अलग रंग और डिजाइन के पहचान पत्र जारी किए जाने चाहिए. इसे शुरू में सीमावर्ती जिलों में या संभवत: 20 किलोमीटर की सीमा बेल्ट में शुरू किया जाना चाहिए ”


अमित शाह ने नहीं दिया अभी कोई नाम


अब सवाल उठता है कि क्या केंद्र सरकार जब मल्टीपर्पज कार्ड की बात कर रही है तो उसका मतलब MPNIC से है.  गृह मंत्री अमित शाह ने स्पष्ट रूप से कहा कि मल्टीपर्पज कार्ड को लेकर कोई भी विशिष्ट योजना नहीं है, लेकिन सरकार विभिन्न डेटाबेसों को लिंक करना चाहती है. सरकार एक कार्ड बनाने का इरादा रखती है जो एक व्यक्ति द्वारा रखे गए विभिन्न खातों तक पहुंच के एकल बिंदु के रूप में काम करे. अमित शाह ने कहा, ‘‘आधार, पासपोर्ट, बैंक खाते, ड्राइविंग लाइसेंस, और वोटर कार्ड जैसी सभी सुविधाओं के लिए एक ही कार्ड हो सकता है. इसकी संभावनाएं हैं.’’


मीडिया रिपोर्टों के अनुसार यह भी जानकारी है कि सरकार 2020 की शुरुआत तक नेशनल इंटेलिजेंस ग्रिड (NATGRID) लॉन्च कर सकती है. Natgrid का कथित रूप से इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB), रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (R & AW),केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) जैसी 10 एजेंसियों द्वारा उपयोग किया जाएगा.


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