महिला दिवस: पीएम मोदी ने किया 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' का विस्तार, कहा- बेटी बोझ नहीं, आन-बान और शान होती है
जनसभा को सम्बोधित करने से पहले प्रधानमंत्री ने ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान’ के तहत उल्लेखनीय कार्यों के लिये जिला अधिकारियों को सम्मानित किया. उन्होंने महिलाओं एवं छोटे बच्चों के साथ बातचीत की.
झुंझुनूं: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान’ के महत्व को रेखांकित करते हुए राज्य सरकारों का अह्वान किया कि वे बालिकाओं को बचाने और लिंगानुपात को बरकरार रखने के लिये एक मुहिम चलाएं.
‘राष्ट्रीय पोषण मिशन’ और ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ अभियान कार्यक्रम को विस्तार देते हुए पीएम मोदी ने कहा कि बालिकाओं के जन्म को रोकने के लिये कई पीढ़ियों की गलतियों के कारण समाज में असंतुलन पैदा हो गया है, जिसे नई पीढी को ठीक करने की जरूरत है.
उन्होंने लोगों को बच्चों को बचाने के लिए पिछली पीढ़ियों की गलती को ठीक करने और उन्हें बालक बालिका ,दोनों को समान महत्व देने के लिए कार्य करने के लिए प्रोत्साहित किया. उन्होंने सभी राज्य सरकारों से इसे जन आंदोलन बनाने का आग्रह किया. उन्होंने बेटियों और बालिकाओं को बचाने के लिये सासों से परिवार का नेतृत्व करने का आग्रह किया.
प्रधानमंत्री ने कहा, ''यह बहुत दुखद है कि बेटियों और बालिकाओं को बचाने के लिये अनुरोध करने की जरूरत हो रही है. बालिकाओं को उपेक्षित करने और मारे जाने के कारण समाज में असंतुलन हो गया है.'' प्रधानमंत्री ने कहा, ''सुधार सिर्फ एक पीढी से नहीं आता है, इसमें समय लगता है, लेकिन हमें बालिकाओं को समान महत्व देने के लिये तय करना चाहिए.''
उन्होंने कहा कि दो साल पहले ‘बेटी बचाओ, बेटी पढाओ अभियान’ की शुरूआत हरियाणा से की गई थी, जहां स्थिति चिंताजनक थी, लेकिन अब हरियाणा में महत्वपूर्ण सुधार आया है. प्रधानमंत्री ने इसके लिए हरियाणा सरकार को बधाई दी.
मेनका गांधी और वसुंधरा राजे ने भी कही अपनी बात केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने कहा कि केन्द्र ने महिलाओं के कल्याण के लिये कई महत्वपूर्ण कदम उठाये है. महिलाओं और बच्चों की तस्करी की जांच के लिये संसद में एक ऐतिहासिक विधेयक पेश किया जाएगा. राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने प्रदेश में बालिकाओं के लिये चलाई जा रही राजश्री योजना सहित विभिन्न योजनाओं पर प्रकाश डाला.