NIA Espionage Case: दिल्ली स्थित एनआईए की स्पेशल कोर्ट ने गुरुवार (23 फरवरी) को 2017 के जासूसी के मामले में एक व्यक्ति को पाकिस्तान स्थित अपने आका के लिए काम करने के आरोप में दोषी ठहराया है. दिल्ली के चांदनी महल निवासी मोहम्मद परवेज को स्पेशल कोर्ट ने भारतीय दंड संहिता और गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) की विभिन्न धाराओं के तहत दोषी ठहराया. 


एनआईए के एक प्रवक्ता ने बताया कि ये मामला भारत के संवेदनशील सीमावर्ती इलाकों में तैनात सुरक्षा कर्मियों से सूचना हासिल करने के लिए विदेशी खुफिया एजेंसियों की ओर से रची गई साजिश से जुड़ा है. प्रवक्ता ने कहा कि दोषी आरोपी (परवेज) पाकिस्तानी खुफिया विभाग के 'हैंडलर' के लिए काम करता पाया गया. 


एनआईए ने क्या कहा?


एनआईए ने बताया कि हमजा भाई उर्फ बिलाल ने परवेज को उस वक्त अपनी टीम में शामिल किया, जब वो (परवेज) अपनी बहनों से मिलने पाकिस्तान गया था. परवेज को महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों से संबंधित जानकारी एकत्र करने और उनकी तस्वीरें लेने के लिए प्रेरित किया गया था. 


9 मार्च को होगा सजा का ऐलान


प्रवक्ता के मुताबिक, आरोपी अन्य लोगों के नाम पर सिम कार्ड जारी करवाकर उसके व्हाट्सएप खातों के सक्रिय कोड को अपने पाकिस्तानी 'हैंडलर' के साथ शेयर करता था. आरोपी को इस तरह के काम के लिए पाकिस्तानी 'हैंडलर' की ओर से हवाला के जरिए भुगतान किया गया था. अधिकारियों के मुताबिक, आरोपी परवेज को नौ मार्च को सजा सुनाई जाएगी. 


दो दिन पहले भी एक आतंकी को सुनाई थी सजा


इससे पहले बीते मंगलवार को राजस्थान की एक विशेष एनआईए अदालत ने आईएसआईएस से जुड़े एक आतंकी को देश में आतंकवादी कृत्यों को अंजाम देने की साजिश के लिए सात साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई थी. एनआईए अदालत जयपुर के विशेष न्यायाधीश ने 2016 में मोहम्मद सिराजुद्दीन उर्फ सिराज को भारतीय दंड संहिता की अनेक धाराओं के तहत दोषी ठहराया था.


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