Mahua Moitra Cash For Query: सवाल के बदले पैसे लेने के आरोप के मामले में तृणमूल कांग्रेस (TMC) की सांसद महुआ मोइत्रा की मुश्किलें बढ़ सकती है. न्यूज एजेंसी पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से बताया कि एथिक्स कमेटी ने गुरुवार (9 नवंबर) को बैठक में मोइत्रा को लोकसभा से निष्कासित करने की सिफारिश की. इसको लेकर बीजेपी और विपक्ष ने एक दूसरे पर हमला किया. बड़ी बातें-
1. विनोद कुमार सोनकर की अध्यक्षता वाली आचार समिति (एथिक्स कमेटी) ने बैठक की. इसमें समिति की रिपोर्ट को स्वीकार किया गया. समिति के छह सदस्यों ने रिपोर्ट को स्वीकार करने का समर्थन किया और चार ने इसका विरोध किया. रिपोर्ट के पक्ष में कांग्रेस सांसद और पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की पत्नी परणीत कौर ने समर्थन किया.
2. विरोध करने वाले चारों सांसदों ने कहा कि ये रिपोर्ट पूर्वाग्रत से युक्त और गलत है. एथिक्स कमेटी में 15 सदस्यों में से सात बीजेपी के हैं. वहीं कांग्रेस के तीन तो बसपा, शिवसेना, वाईएसआर कांग्रेस पार्टी, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) और जनता दल (यूनाइटेड) के एक-एक सदस्य हैं.
3. कमेटी में शामिल एन उत्तम कुमार रेड्डी और वी वैथिलिंगम, बसपा के दानिश अली, जेडीयू के गिरधारी यादव और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के पी. नटराजन ने असहमति के नोट दिए हैं. पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से बताया कि विपक्षी सदस्यों ने अपने असहमति के नोट में यह दावा भी किया कि जांच की यह प्रक्रिया एक दिखावा और कंगारू कोर्ट की कार्यवाही की तरह है. समिति में शामिल विपक्षी सदस्यों ने असहमति नोट में कहा, ‘‘ व्यक्तिगत प्रतिशोध का हिसाब बराबर करने का मंच बनना आचार समिति का काम नहीं है, यह एक खतरनाक मिसाल कायम करेगा और संसद सदस्यों को भविष्य में इच्छुक पार्टियों द्वारा हर तरह के उत्पीड़न का मौका देगा.’’
4. पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से बताया कि महुआ मोइत्रा को लेकर आचार समिति की रिपोर्ट संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान सदन में पेश की जाएगी. समिति ने मोइत्रा को लोकसभा से निष्कासित करने की सिफारिश की है.
5. महुआ ने पीटीआई से बात करते हुए कहा कि पहले से ही सब तय था. मोइत्रा ने कहा, ’’यह एक कंगारू अदालत का पहले से फिक्स मैच है जिसमें हैरानी की कोई बात नहीं है, लेकिन देश के लिए बड़ा संदेश यह है कि भारत के लिए यह संसदीय लोकतंत्र की मृत्यु है.’’
6. बसपा सांसद और कमेटी के सदस्य दानिश अली ने कहा कि हम डरने वाले नहीं है. उन्होंने कहा, ''मैंने अभी तक रिपोर्ट नहीं देखी है, इस देश में दो कानून नहीं हो सकते, एथिक्स कमेटी के अध्यक्ष लगातार नियम 275 का उल्लंघन कर रहे हैं हमने अन्याय के खिलाफ आवाज उठाई है और उठाते रहेंगे हम डरने वाने नहीं हैं.''
7. एथिक्स कमेटी के अध्यक्ष विनोद कुमार सोनकर ने मोइत्रा के पहले से तय के दावे पर कहा कि एजेंडा रिपोर्ट को अडॉप्ट करना था. उन्होंने कहा कि सभी को पहले से ही विस्तृत रिपोर्ट भेज दी गई थी. पूरी कार्रवाई की रिपोर्ट लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को भेज दी है.
8. कमेटी की सदस्य और बीजेपी सांसद अपराजिता सारंगी ने भी महुआ मोइत्रा पर निशाना साधा. उन्होंने कहा, ''मोइत्रा को काफी समय दिया गया. सारी बातें उनकी नोट की है. वो लोकसभा में टेबल होगी तो आप सब उसे देखेंगे.
9. बता दें कि साल 2005 में ‘रिश्वत लेकर सवाल पूछने’ के एक अन्य मामले में 11 सांसदों को संसद से निष्कासित कर दिया गया था. इनके निष्कासन की सिफारिश राज्यसभा की आचार समिति और लोकसभा जांच समिति द्वारा की गई थी.
10. बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने हाल ही में दावा किया था कि महुआ मोइत्रा ने संसद में अडानी ग्रुप के मामले को लेकर सवाले करने के लिए कारोबारी दर्शन हीरानंदानी से पैसे लिए. इसको लेकर ही लोकसभा की एथिक्स कमेटी जांच कर रही है. हीरानंदानी ने अपने साइन किए हुए एफिडेविट में कहा कि उन्होंने मोइत्रा को पैसे और महंगे गिफ्ट दिए. मोइत्रा अडानी के मामले में सवाल पीएम मोदी की छवि खराब करने के लिए कर रही थी.
ये भी पढ़ें- 'भले ही वे मुझे निष्कासित कर दें, मैं...', एथिक्स कमेटी के फैसले पर TMC सांसद महुआ मोइत्रा का पहला बयान