एथिक्स कमेटी को अब तक नहीं मिली महुआ मोइत्रा के खिलाफ हीरानंदानी की चिट्ठी, कैश के बदले सवाल पूछने के मामले को अध्यक्ष ने बताया गंभीर केस
Mahua Moitra Cash For Query Case: महुआ मोइत्रा के ऊपर संसद में ‘सवाल पूछने के लिए कैश लेने’ के मामले में शिकंजा कसता जा रहा है. उनके ऊपर आरोप हैं कि उन्होंने सवाल पूछने के बदले में कैश लिया.
Mahua Moitra Case: एथिक्स कमेटी के अध्यक्ष विनोद सोनकर ने शुक्रवार (20 अक्टूबर) को कहा कि उन्हें संसद में ‘सवाल पूछने के लिए कैश लेने’ के मामले को लेकर तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) महुआ मोइत्रा के खिलाफ दर्शन हीरानंदानी की चिट्ठी अभी तक नहीं मिली है. दरअसल, टीएमसी सांसद महुआ पर आरोप है कि उन्हें संसद में सवाल पूछने के लिए कैश दिए गए. सिर्फ इतना ही नहीं, बल्कि उन्हें महंगे गिफ्ट्स भी मिले हैं. महुआ ने इन आरोपों को खारिज किया है.
इंडिया टुडे से बात करते हुए सोनकर ने कहा कि एथिक्स कमेटी इस मामले में सबूतों की जांच करेगी. उनका कहना है कि ये सच में गंभीर मामला है. उन्होंने कहा, 'कमेटी इस मुद्दे की जांच करने वाली है. हमने सभी पक्षों से कमेटी को सबूत पेश करने को कहा है.' दरअसल, बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को चिट्ठी लिखकर महुआ मोइत्रा के खिलाफ ‘सवाल पूछने के लिए कैश लेने’ के मामले की जांच किसी जांच कमेटी से करवाने की अपील की थी
निशिकांत दुबे ने चिट्ठी में क्या कहा था?
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, निशिकांत दुबे ने अपनी चिट्ठी में कहा कि महुआ मोइत्रा ने एक बिजनेसमैन से पैसे लेकर संसद में सवाल पूछे. उन्होंने कहा कि ये विशेषाधिकार के गंभीर उल्लंघन, सदन की अवमानना और आईपीसी की धारा-120 के तहत अपराध है. बीजेपी सांसद ने एक वकील से मिले पत्र का हवाला देते हुए ये आरोप लगाए. वहीं, लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने दुबे की शिकायत पर संज्ञान लिया और इसे आचार समिति को भेज दिया.
हीरानंदनी ने क्या कहा है?
हीरानंदानी ग्रुप के सीईओ दर्शन हीरानंदानी ने आरोप लगाया है कि टीएमसी सासंद महुआ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बदनाम करना चाहती थीं. इसलिए उन्होंने संसद में पूछे गए सवालों के जरिए गौतम अडानी को निशाना बनाया. एक साइन किए गए हलफनामे में हीरानंदानी ने इस बात को कबूल किया है कि उन्होंने महुआ के संसदीय लॉगिन आईडी और पासवर्ड का इस्तेमाल किया और उनकी ओर से सवाल पूछे. महुआ ने इन आरोपों को बेबुनियाद बताया है.
दरअसल, संसद में सवाल पूछने के बदले कैश लेने का मामला बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे के दावे के बाद शुरू हुई थी. उन्होंने ही सबसे पहले इस मामले की जानकारी दी थी. उन्होंने लोकसभा स्पीकर को लिखी चिट्ठी में जिस बिजनेसमैन का जिक्र किया था, वह दर्शन हीरानंदानी ही थे. अब हीरानंदानी का साइन किया हुआ एक हलफनामा सामने आया है, जिसमें महुआ के ऊपर आरोपों और पैसे के लेनदेन का जिक्र किया गया है.
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