नई दिल्ली: यूरोपियन यूनियन के सांसदों के कश्मीर दौरे पर विवाद हो रहा है. ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने यूरोपियन यूनियन के सांसदों को हिटलर की तारीफ करने वाले लोग बताया है. वहीं ओवैसी के इन आरोपों पर यूरोपियन यूनियन के सांसदों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि हम नाज़ी नहीं हैं. अगर ऐसा होता तो जनता हमें नहीं चुनती. उन्होंने यह भी कहा कि हमें भारत की राजनीति से कोई मतलब नहीं है.


सरकार किसकी आंखों में धूल झोंक रही है?- ओवैसी


दरअसल असदुद्दीन ओवैसी ने यूरोपियन यूनियन के सांसदों के कश्मीर दौरे को लेकर मोदी सरकार पर सवाल उठाए थे. असदुद्दीन ओवैसी ने एबीपी न्यूज़ से खास बातचीत में कहा, ‘’भारत के संविधान की शपथ लेने वाले सांसदों को प्रेस कॉन्फ्रेंस करने की इजाजत तक नहीं है और यूरोप के सांसदों को प्रेस कॉन्फ्रेंस करने की इजाजत दी जाती है. सरकार किसकी आंखों में धूल झोंक रही है?’’


असदुद्दीन ओवैसी ने आगे कहा, ‘’यह साफ बताता है कि सरकार कश्मीर पर अपनी कहानी बेचने में नाकाम हो रही है, इसीलिए इन निरालों (ईयू सांसदों) को बुलाया गया है.’’ उन्होंने कहा, ‘’ये लोग हिटलर के तारीफ करने वाले हैं. इनको सरकार लाई है. इनको बुलाने वाले कौनसे एनजीओ से ताल्लुक़ रखते हैं?’’


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ओवैसी के हिटलर वाले आरोप पर सांसदों ने कहा, ‘’कश्मीर के बारे में काफी कुछ कहा और लिखा जा रहा है. हमें भारतीय राजनीति से कोई मतलब नहीं है. हम यहां की राजनीति में दखल देने नहीं आए हैं. हम सिर्फ तथ्य जुटाने आए हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘’हम खुद देखना चाहते थे कि कश्मीर में किस तरह के बदलाव लाए जा रहे हैं. कुछ लोगों ने कहा कि हम नाज़ीवादी हैं. अगर ऐसा होता तो जनता हमें नहीं चुनती.’’


सांसदों को एक एनजीओ ने न्योता भेजा था- खुलासा


खुलासा हुआ है कि इन सांसदों को एक एनजीओ ने न्योता भेजा था. माडी शर्मा नाम की महिला ने सांसदों को पीएम से मिलवाने का प्रस्ताव दिया था. माडी शर्मा वूमंस इकोनॉमिक एंड सोशल थिंक टैंक नाम के एनजीओ की प्रमुख हैं. ओवैसी ने कश्मीर में यूरोपियन यूनियन के सांसदों के दौरे के पीछे इसी एनजीओ के होने का जिक्र किया है.


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एबीपी न्यूज ने इस एनजीओ के बारे में जानकारी जुटाई है. इस एनजीओ का नाम ‘द वूमेन्स इकनॉमिक ऐंड सोशल थिंक टैंक’ है. इस एनजीओ की मुखिया हैं माडी शर्मा हैं जो बेल्जियम की राजधानी ब्रसेल्स में रहनेवाली भारतीय मूल की ब्रिटिश नागरिक हैं. माडी शर्मा के ट्विटर हैंडल पर दी जानकारी में ये खुद को 'सोशल कैपिटलिस्ट: इंटरनैशनल बिजनस ब्रोकर, एजुकेशनल आंत्रप्रेन्योर ऐंड स्पीकर' बताती हैं.


दावा है कि माडी शर्मा ने ही यूरोपियन यूनियन के 30 सांसदों को चिट्ठी लिखकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से मिलवाने और कश्मीर ले जाने का न्योता दिया था.


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