श्रीनगर: यूरोपीय संघ (ईयू) के 23 सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल जम्मू कश्मीर में हालात का जायजा लिया. वहीं, बंद के बीच घाटी और शहर के कई हिस्सों में लोगों और सुरक्षा बलों के बीच झड़पें हुईं. हवाई अड्डे से होटल तक के रास्ते में बुलेट प्रूफ जीपों में यात्रा कर रहे सांसदों की हिफाजत के लिए सुरक्षा वाहनों का एक काफिला भी था. सांसदों के होटल पहुंचने पर कश्मीर की परंपरा के अनुसार उनका स्वागत किया गया.
जम्मू कश्मीर के मुख्य सचिव बी वी आर सुब्रमण्यम और पुलिस प्रमुख दिलबाग सिंह ने घाटी और जम्मू कश्मीर के अन्य हिस्से में हालात पर प्रतिनिधिमंडल को अवगत कराया.
पांच अगस्त को जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 के अधिकतर प्रावधान हटाने और राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों में विभाजित करने की केंद्र सरकार की घोषणा के बाद यह पहला उच्च स्तरीय विदेशी प्रतिनिधिमंडल कश्मीर के दौरे पर आया है.
पंचायत सदस्यों से हुई मुलाकात
प्रतिनिधिमंडल ने यहां एक पांच सितारा होटल में नवनिर्वाचित पंचायत सदस्यों और पार्षदों सहित आम लोगों से भी बात किया. शहर में सर्दी के बीच कुछ सांसदों ने डल झील में शिकारे का भी आनंद लिया. सांसदों ने सेंटूर होटल के पास नौका विहार किया. इसी होटल में पांच अगस्त के बाद से 30 नेताओं और कार्यकर्ताओं को रखा गया.
अधिकारियों ने बताया कि शहर में पूरी तरह बंद है और श्रीनगर तथा घाटी के अन्य हिस्सों में प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच कुछ जगह झड़पों में कम से कम चार लोग घायल हो गए.
कई जगहों पर रोड को किया ब्लॉक
लोगों ने 90 फुट रोड सहित श्रीनगर के कम से कम पांच स्थानों पर सड़क को ब्लॉक कर दिया. दुकानें और कारोबारी प्रतिष्ठान बंद रहे और झड़पों के कारण सड़कों से गाड़ियां भी नदारद रहीं. पथराव की भी कुछ घटनाएं हुईं.
अधिकारियों ने बताया कि पिछले हफ्ते से स्टॉल लगाने वाले दुकानदार भी मंगलवार को नहीं आए. हालांकि, 10वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा तय कार्यक्रम के अनुसार हुई. कई अभिभावक परीक्षा हॉल के बाहर अपने बच्चों का इंतजार कर रहे थे.
अधिकारियों ने विस्तार से कारण बताये बिना कहा कि इस दल में मूल रूप से 27 सांसदों को होना था लेकिन इनमें से चार कश्मीर नहीं आए. बताया जाता है कि ये सांसद अपने-अपने देश लौट गए. प्रतिनिधिमंडल में शामिल कई सांसद धुर दक्षिणपंथी या दक्षिणपंथी दलों के हैं.
पीएम से कर चुके हैं मुलाकात
यूरोपीय संसद के इन सदस्यों ने अपनी दो दिवसीय कश्मीर यात्रा के पहले, सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से नयी दिल्ली में मुलाकात की. प्रधानमंत्री मोदी ने इनका स्वागत करने के साथ उम्मीद जताई कि जम्मू कश्मीर सहित देश के अन्य हिस्सों में उनकी यात्रा सार्थक रहेगी.
पीएमओ ने एक बयान जारी करके कहा,‘‘इस दौरे से प्रतिनिधिमंडल को जम्मू, कश्मीर और लद्दाख क्षेत्र की सांस्कृतिक एवं धार्मिक विविधता को बेहतर ढंग से समझने में मदद मिलेगी. इसके साथ ही वे इस क्षेत्र के विकास एवं शासन से संबंधित प्राथमिकताओं की सही स्थिति से अवगत होंगे.’’
डोभाल ने दी कश्मीर की जानकारी
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने मेहमानों को दोपहर का भोज दिया और उन्हें जम्मू कश्मीर के हालात की जानकारी दी थी. कुछ सप्ताह पहले अमेरिका के एक सीनेटर को कश्मीर जाने की इजाजत नहीं दी गई थी.
करीब दो महीने पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी सहित विपक्षी सांसदों के एक संयुक्त प्रतिनिधिमंडल को दिल्ली से जाने पर श्रीनगर हवाई अड्डे से बाहर जाने की इजाजत नहीं दी गयी और उन्हें वापस दिल्ली भेज दिया गया था.
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