अंतर्राष्ट्रीय प्रतिनिधिमंडल के कश्मीर दौरे पर सुब्रमण्यम स्वामी ने उठाए सवाल, कल रवाना होंगे 28 सांसद
सरकार के सूत्रों के मुताबिक, यूरोपियन यूनियन के सांसदों ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और एनएसए अजित डोभाल से मुलाकत की. इस दौरान कश्मीर के मुद्दे पर चर्चा हुई.
नई दिल्ली: अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर की हालत कैसी है? ये देखने के लिए यूरोपियन यूनियन के सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल घाटी का दौरा करेगा. इस दौरे से पहले प्रतिनिधिमंडल में शामिल 28 सांसदों ने नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोभाल से मुलाकात की. इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने सांसदों को कश्मीर में हो रहे विकास कार्यों से अवगत कराया. डोभाल ने कश्मीर और आतंकवाद के मुद्दे पर सांसदों के साथ चर्चा की. हालांकि इस प्रतिनिधिमंडल के कश्मीर दौर पर बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने सवाल उठाए हैं.
28 सांसदों का प्रतिनिधिमंडल कल कश्मीर का दौरा करेगा. जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद पहली बार है जब कोई अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधिमंडल जम्मू-कश्मीर का दौरा कर रहा है. मोदी सरकार ने इसी साल पांच अगस्त को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटा दिया था और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों (जम्मू-कश्मीर और लद्दाख) में बांट दिया था.
Members of European Parliament call on PM @narendramodi at 7, Lok Kalyan Marg, New Delhi. pic.twitter.com/wAe1ZekE7m
— PIB India (@PIB_India) October 28, 2019
यूरोपियन यूनियन के सांसदों के कश्मीर दौरे को लेकर बीजेपी नेता और सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा कि मुझे आर्श्चय लग रहा है कि विदेश मंत्रालय ने यूरोपियन यूनियन के सांसदों के लिए कश्मीर जाने की व्यवस्था की है. यह हमारी राष्ट्र नीति के लिए ठीक नहीं है. मैं सरकार से इस यात्रा को रद्द करने का आग्रह करता हूं क्योंकि यह अनैतिक है.
I am surprised that the MEA has arranged for European Union MPs, in their private capacity [Not EU's official delegation],to visit Kashmir area of J&K. This is a perversion of our national policy. I urge the Government cancel this visit because it is immoral.
— Subramanian Swamy (@Swamy39) October 28, 2019
इस फैसले के विरोध में होने वाले प्रदर्शनों को देखते हुए जम्मू-कश्मीर में कड़े प्रतिबंध लागू किये थे. जम्मू से कुछ दिनों बाद ही इन प्रतिबंधों को हटा लिया गया. वहीं कश्मीर में धीरे-धीरे ज्यादातर इलाकों से प्रतिबंध हटा लिए गए. घाटी में पिछले दिनों पोस्टपेड मोबाइल सेवा पुन: बहाल किया गया था. हालांकि मैसेज और इंटरनेट सेवा पर अब भी प्रतिबंध है.
अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद प्रशासन स्थिति को सामान्य करने में जुटा है. स्कूल खोले गए हैं लेकिन कक्षा में छात्रों की उपस्थिति नहीं के बराबर है. श्रीनगर स्थित जामा मस्जिद समेत अन्य मस्जिदों में अब भी नमाज पढ़े जाने पर रोक है.