श्रीनगर: यूरोपीय संघ (ईयू) के 23 सांसदों का एक शिष्टमंडल जम्मू कश्मीर में हालात का जायजा लेने के लिए मंगलवार को दो दिवसीय दौरे पर यहां पहुंचे. हवाई अड्डे से होटल तक के रास्ते में बख्तरबंद जीपों में यात्रा कर रहे सांसदों की हिफाजत के लिए सुरक्षा वाहनों का एक काफिला भी था. सांसदों के होटल पहुंचने पर कश्मीर की परंपरा के अनुसार उनका स्वागत किया गया. जम्मू कश्मीर के मुख्य सचिव बी वी आर सुब्रमण्यम और पुलिस प्रमुख दिलबाग सिंह ने घाटी और जम्मू कश्मीर के अन्य हिस्से में हालात पर शिष्टमंडल को अवगत कराया. वहीं, बंद के बीच घाटी और शहर के विभिन्न हिस्से में लोगों और सुरक्षा बलों के बीच झड़पें हुईं.


बता दें कि पांच अगस्त को जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 के अधिकतर प्रावधान हटाने और राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों में विभाजित करने की केंद्र सरकार की घोषणा के बाद यह पहला उच्च स्तरीय विदेशी शिष्टमंडल कश्मीर के दौरे पर आया है. शिष्टमंडल ने यहां एक पांच सितारा होटल में नवनिर्वाचित पंचायत सदस्यों और पार्षदों सहित आम लोगों से भी संवाद किया. शहर में सर्दी के बीच कुछ सांसदों ने डल झील में शिकारे का भी आनंद लिया. सांसदों ने सेंटूर होटल के पास नौका विहार किया. इसी होटल में पांच अगस्त के बाद से 30 नेताओं और कार्यकर्ताओं को रखा गया.



फ्रांस से यूरोपीय संघ में सांसद वर्जिन जोरोन ने कहा, ‘‘यह अच्छा दौरा है और हम कश्मीर में स्थिति जानने के लिए आए हैं. यहां जमीनी हालात का अनुभव हुआ और हमें यहां स्थानीय लोगों से बात कर अच्छा लगा.’’ ईयू प्रतिनिधिमंडल के साथ संवाद पर बारामूला के उपमेयर आबिद सलाम ने कहा कि विचारों के आदान प्रदान का ‘अच्छा मंच’ था और हम कश्मीर में अमन चैन के पक्ष में हैं.


अधिकारियों ने बताया कि शहर में पूरी तरह बंद है और श्रीनगर और घाटी के अन्य हिस्सों में प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच कुछ जगह झड़पों में कम से कम चार लोग घायल हो गए. लोगों ने 90 फुट रोड सहित श्रीनगर के कम से कम पांच स्थानों पर सड़क को अवरूद्ध कर दिया. दुकानें और कारोबारी प्रतिष्ठान बंद रहे और झड़पों के कारण सड़कों से गाड़ियां भी नदारद रहीं. पथराव की भी कुछ घटनाएं हुईं.


अधिकारियों ने बताया कि पिछले हफ्ते से स्टॉल लगाने वाले दुकानदार भी मंगलवार को नहीं आए. हालांकि, 10वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा तय कार्यक्रम के अनुसार हुई. कई अभिभावक परीक्षा हॉल के बाहर अपने बच्चों का इंतजार कर रहे थे. अधिकारियों ने विस्तार से कारण बताये बिना कहा कि इस दल में मूल रूप से 27 सांसदों को होना था लेकिन इनमें से चार कश्मीर नहीं आए. बताया जाता है कि ये सांसद अपने-अपने देश लौट गए. शिष्टमंडल में शामिल कई सांसद धुर दक्षिणपंथी या दक्षिणपंथी दलों के हैं.


यूरोपीय संसद के इन सदस्यों ने अपनी दो दिवसीय कश्मीर यात्रा के पहले, सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से नई दिल्ली में मुलाकात की. प्रधानमंत्री मोदी ने इनका स्वागत करने के साथ उम्मीद जताई कि जम्मू कश्मीर सहित देश के अन्य हिस्सों में उनकी यात्रा सार्थक रहेगी. पीएमओ ने एक बयान जारी करके कहा, ‘‘इस दौरे से शिष्‍टमंडल को जम्‍मू, कश्‍मीर और लद्दाख क्षेत्र की सांस्‍कृतिक और धार्मिक विविधता को बेहतर ढंग से समझने में मदद मिलेगी. इसके साथ ही वे इस क्षेत्र के विकास और शासन से संबंधित प्राथमिकताओं की सही स्थिति से अवगत होंगे.’’


राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने मेहमानों को दोपहर का भोज दिया और उन्हें जम्मू कश्मीर के हालात की जानकारी दी थी. कुछ सप्ताह पहले अमेरिका के एक सीनेटर को कश्मीर जाने की इजाजत नहीं दी गई थी. करीब दो महीने पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी सहित विपक्षी सांसदों के एक संयुक्त प्रतिनिधिमंडल को दिल्ली से जाने पर श्रीनगर हवाई अड्डे से बाहर जाने की इजाजत नहीं दी गयी और उन्हें वापस दिल्ली भेज दिया गया था.


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