Farmers Protest: केंद्रीय मंत्रियों के साथ पांच घंटे से लंबी मीटिंग के बाद भी सरकार और किसानों के बीच बात नहीं बनी है. बैठक से निकलने के बाद किसानों ने कहा कि सरकार को सुबह 10 बजे तक का अल्टीमेटम दिया गया है और अगर सरकार नहीं मानती है तो हमारा आंदोलन जारी रहेगा. किसानों ने कहा कि देशभर में हमारे किसानों पर कार्रवाई हुई, लेकिन फिर भी हमने बड़ा दिल दिखाते हुए बैठक की, जिसका कोई फायदा नहीं हुआ. 


किसानों ने बैठक से निकलने के बाद कहा कि सरकार के मन में खोट है और वो हमसे मुलाकात कर बस टाइमपास कर रही है. उन्होंने कहा कि सरकार ने दो साल पहले हमसे वादे किए थे, लेकिन कुछ भी नहीं किया गया. इसी के साथ किसान नेता सरवंत सिंह ने कहा, हमारा आंदोलन जारी है और कल 10 बजे वो संघू बॉर्डर से आगे कूच करेंगे.


किसानों को मनाने के लिए चंडीगढ़ गए थे केंद्रीय मंत्री


फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानून बनाने की मांग को लेकर किसान दिल्ली कूच का ऐलान कर चुके हैं. उनके दिल्ली चलो मार्च को रोकने के लिए केंद्रीय मंत्रियों की एक टीम सोमवार शाम चंडीगढ़ में उनसे बातचीत करने पहुंची. लगभग साढ़े पांच घंटे चली ये बैठक बेनतीजा रही. बैठक से निकलने के बाद किसान नेताओं ने कहा कि सरकार सिर्फ उनका वक्त बर्बाद कर रही है. हालांकि किसानों ने फिर भी सरकार को सुबह 10 बजे तक का समय दिया है. किसानों का कहना है कि अगर सरकार तब तक कुछ फैसला नहीं करती है तो हम दिल्ली बढ़ेंगे. 


किसानों को रोकने के लिए दिल्ली में प्रशासन की तैयारी


किसानों के दिल्ली कूच में शामिल होने के लिए पंजाब के अलग-अलग इलाकों से किसान बड़ी संख्या में ट्रैक्टर-ट्रॉली लेकर सोमवार की सुबह से ही रवाना हो गए थे. दिल्ली पुलिस ने किसानों के मार्च के कारण व्यापक पैमाने पर तनाव और ‘‘सामाजिक अशांति’’ पैदा होने की आशंका के मद्देनजर राष्ट्रीय राजधानी में एक महीने के लिए आपराधिक दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 लागू कर दी है.


राष्ट्रीय राजधानी में 13 फरवरी को किसानों के प्रस्तावित ‘दिल्ली चलो’ मार्च के मद्देनजर सिंघू, गाजीपुर और टिकरी बार्डर पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है और यातायात पाबंदियां लागू की गई हैं. वाहनों को शहर में प्रवेश करने से रोकने के लिए दिल्ली की सीमाओं की कंक्रीट के अवरोधक और सड़क पर बिछाए जाने वाले लोहे के नुकीले अवरोधक लगाकर किलेबंदी कर दी गई है.


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