Mumbai News: सेलेक्शन के बावजूद 3 साल से नहीं मिला ज्वाइनिंग लेटर, टूट रहीं शादियां, धरना शुरू
Protest for Govt Job: महाराष्ट्र के बिजली विभाग की नौकरियों में चयन होने के बाद भी तीन साल से नियुक्ति पत्र का इंतजार कर रहे लोगों ने मुंबई के आजाद मैदान में धरना शुरू कर दिया है.
Mumbai Azad Maidan Protest: मुंबई (Mumbai) के आजाद मैदान (Azad Maidan) में सैकड़ों नौजवान महाराष्ट्र सरकार (Maharashtra Govt) के खिलाफ धरने (Dharna) पर बैठे हैं. धरना दे रहे लोगों का आरोप है कि सरकारी नौकरी (Govt Job) में चयन होने के बाद भी नियुक्ति (Appointment) नहीं होने से समाज में उन्हें शर्मिंदगी झेलनी पड़ रही है. कई लोगों की शादी (Marriage) नहीं हो पा रही है और कुछ के तय संबंध टूट गए हैं.
एक प्रदर्शनकारी पवन सोलंकी ने बताया कि महाराष्ट्र सरकार ने 2019 में बिजली विभाग में विभिन्न पदों पर भर्तियां निकाली थीं, जिनके लिए उन्होंने आवेदन किया था. नौकरी मिलने के बाद भी तीन साल से नियुक्तियां अधर में लटकी हैं. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि नियुक्ति पत्र नहीं मिलने के कारण उन्हें अपने हक के लिए आवाज उठानी पड़ी और अब वे धरना देने पर मजबूर हैं.
कोर्ट के आदेश के बाद भी परेशान नौजवान
उपकेंद्र सहायक पद के लिए चुने गए करीब 200 से ज्यादा नौजवान उन्हें जल्द से जल्द नियुक्ति दिए जाने की गुहार लगा रहे हैं. नौजवानों का कहना है कि उन्होंने महाराष्ट्र सरकार के ढीले रवैये के खिलाफ कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया. अदालत ने जल्द से जल्द नियुक्ति कराने का आदेश भी दिया लेकिन अब तक सरकारी विभाग उन्हें सिर्फ इधर से उधर दौड़ा रहा है. नौजवानों का कहना है कि इस वजह से उनका भविष्य अधर में लटक गया है.
प्रदर्शनकारियों ने अपने हाथों में ऐसी तख्तियां और पोस्टर ले रखे हैं जिनमें लिखा है, ''नौकरी न मिलने की वजह से शादियां टूट रही हैं. किसी विधायक का बेटा विधायक बन सकता है तो नौकरी मिलने का बावजूद हम नौकरी क्यों नहीं कर सकते.''
प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि मौजूदा सरकारी विभाग ने समस्या सुलझाने की बजाय उन्हें बेइज्जत किया है. उनका कहना है, ''हम बेरोजगार नौजवानों को फुटबॉल बना दिया गया है. हम अधिकारियों से मिलने गए लेकिन हमें बेइज्जद करके भेज दिया गया.''
क्या बोले पीड़ित
महाराष्ट्र के जलगांव की रहने वाली 26 वर्षीय दीक्षा मोरे अपनी छोटी सी बेटी के साथ हक की लड़ाई लड़ने के लिए मुंबई पहुंचीं. धरने में शामिल दीक्षा ने बताया कि बिजली विभाग में सहायक पद पर उनका सेलेक्शन हुआ था लेकिन तीन साल बाद भी नियुक्ति नहीं हुई. उन्होंने कहा कि नौकरी पाने के बाद भी उनके और उनके घरवालों के तमाम सपने टूट गए.
ऐसी ही कहानी उस्मानाबाद के 32 वर्षीय गोपाल परदेसी की है. उनका कहना है कि जब बिजली विभाग में उपकेंद्र सहायक के पद पर सेलेक्शन हुआ था तो पूरे गांव में हल्ला मच गया था. लोगों ने बधाइयां दी थी लेकिन तीन साल में आज तक वह नौकरी पर नहीं गए तो लोग मजाक उड़ाने लगे हैं. गोपाल परदेसी कहते हैं कि इस नौकरी की वजह से नौजवानों की शादियां तक खतरे में पड़ गई हैं.
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