कारक्रॉस नाम का एक छोटा सा रेगिस्तान है जिसकी गुत्थी वैज्ञानिक भी नहीं सुलझा सके हैं. यह रेगिस्तान कनाडा के युकोन सूबे में है. जो केवल 1 मील एरिया को घेरता है. बताया जाता है कि इस रेगिस्तान के पास एक कारक्रॉस गांव है जहां केवल 301 लोग रहते है. वहां के एक स्थानीय निवासी ने बताया कि इस जगह को आज तक यहां रहने वाले लोग नहीं समझ सके हैं. उनका कहना है कि क्रॉस रिवर के किनारे कई तरह के दुर्लभ वन्सपतिंयां है जिनके बारे में आज भी बेहद ही कम लोग जानते है.


माना जाता है कि सदियों तक किसी को इस इलाके के बारे में लोगों को पता नहीं था. कुदरती तौर पर करीब 4500 साल पहले बैनेट और नारेस झीलें आपस में मिल गई थी, जिसके चलते वहां एक पुल बन गया था. पुल का इस्तेमाल कर लोगों ने पलायान शुरू किया था. जिसके बाद धीरे धीरे यहां कारक्रॉस गांव बसा.


इस रेगिस्तान का नाम कारक्रॉस कैसे पड़ा


प्राकृतिक तौर पर पुल बनने के बाद कारिबू नाम की जंगली जनजाति का झुंड यहां आकर रहने लगा. साथ ही नताशाहीन नदी के पास शिकार के मकसद से तिलिंगित और तागिश नाम के घुमंतू कबीले रहने लगे. जिसके बाद कारिबू और क्रॉसिंग शब्दों की टोन को मिलाकर इसका नाम कारक्रॉस रखा गया.


बताया जाता है कि कारक्रॉस पर जो भी आया है उसने सफेद रंग से सजे पुराने चर्च, जंग लगी कुल्हाड़ियां और सफेद रंग से सजे पुराने चर्च जरूर देखें होंगे. ये सभी चीजें क्लॉनडिक दौर की मानी जाती है. ये वो दौर है जब डॉसन सिटी और अटलिन के पास लोग सोने की खुदाई के लिये आया करते थे. अब इस वक्त की बात करे तो कारक्रॉस डेजर्ट अब एडवेंचर प्लेग्राउंड में बदल गया है. हर हफ्ते यहां लोग एडवेंचर के लिए आते है. सर्दियों के समय लोग यहां बर्फ का मज़ा लूटने आते है तो वहीं गर्मियों में बाइक प्रेमियों की संख्या देखने को मिलती है.


माना जाता है कि कनाडा के वैज्ञानिकों और भूवैज्ञानिकों के लिए ये एक रिसर्च सेंटर है. ये वैज्ञानिक ये पता लगाने में जुटे है कि बर्फीले इलाके में ये एक छोटा सा रेगिस्तान कैसे बना हुआ है. युकोन डियोलॉजिकल सर्वे की भूवैज्ञानिक पनाया लिपॉस्की का कहना है कि कारक्रॉस कुदरत के जरिए बना है. कुदरत की 10 हज़ार साल की मेहनत का नतीजा माना जा सकता है. 11 से 24 हज़ार साल पहले विस्कॉन्सिन मैक्कॉनेल ग्लेशियर बनने के दौरान ही उत्तरी युकोन में ग्लेशियर जम गया था. उस वक्त कारक्रॉस में एक किलोमीटर की बर्फ जम गई थी.  वर्फ के पिछलने पर यहां बड़ी नहर बन गई थी. जिसके बाद ग्लेशियर पिघला और उत्तर-पश्चिम से रेतीली हवाएं चलने लगी जिस कारण ये एक असंभव रेगिस्तान बन गया.


वहीं कुछ अन्य लोगों का मानना है कि झील सूखने की वज़ह से ये रेगिस्तान बना जबकि ऐसा नहीं है. कहा जाता है कि हिम-युग, पानी और हवा ने मिलकर इस उंचाई पर ये अद्भुत रेगिस्तान बना दिया. कारक्रॉस को लेकर एक बात है कि ये जगह आश्चर्य और भय बनाती है. यहां जितना आगे जाना होगा उनका खौफ बढ़ता जाएगा. यहां के पर्यावरण की जटिलता को समझना बेहद ही मुश्किल है लेकिन ये जगह बेहद ही अद्भुत है.


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