नई दिल्ली: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के निदेशक रणदीप गुलेरिया ने कहा कि कोविड-19 का ग्राफ अबतक अपेक्षाकृत फ्लैट (समतल) बना हुआ है. लेकिन लगातार समान रफ्तार से मामलों में वृद्धि चिंता का विषय है.

गुलेरिया ने कहा कि विभिन्न मॉडेलिंग विशेषज्ञों का अनुमान है कि कोरोना वायरस के मामलों की संख्या में चरमोत्कर्ष अगले 4 से 6 सप्ताह यानी मई के आखिर या जून के मध्य तक हो सकता है. ऐसे में हमें और चौकस रहने तथा हॉटस्पॉट में मामलों की संख्या घटाने की कोशिश करने की जरुरत है.

उन्होंने यह भी कहा, ‘‘देश में सर्दियों में एक बार फिर कोविड-19 के मामले बढ़ सकते हैं लेकिन यह तो वक्त ही बताएगा.’’ उनकी ये टिप्पणियां ऐसे वक्त आई हैं जब कई राज्य सरकार गृह मंत्रालय के दिशानिर्देश के अनुसार पाबंदियों में ढील दे रही हैं तथा शराब की दुकानें खुलने दे रही है.

गुलेरिया ने कहा, ‘‘यह ग्राफ लॉकडाउन और अन्य निषिद्ध उपायों से अबतक अपेक्षाकृत रूप से फ्लैट (समतल) रहा है और इसने हमें देश में अपना स्वास्थ्य बुनियादी ढांचा खड़ा करने और परीक्षण सुविधाएं बढ़ाने का समय दे दिया है.’’

उन्होंने कहा, ‘‘मामलों की संख्या स्थिर दर से लगातार बढ़ रही है और यह चिंता का विषय है, हर नागरिक को अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी और लॉकडाउन के सिद्धांतों और एक दूसरे से दूरी बनाकर रखने के नियम का ईमानदारी से पालन करना चाहिए खासकर यदि वे हॉटस्पॉट या निषिद्ध में हैं तो.’’ उन्होंने उन क्षेत्रों पर विशेष ध्यान देने पर जोर दिया जहां कोविड-19 के मामले अधिक हैं ताकि वहां से इस वायरस का संक्रमण नहीं फैले.

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