नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने गांधी सरकार को मिली एसपीजी सुरक्षा हटाने का फैसला किया है. अब उन्हें एसपीजी की जगह सीआरपीएफ की जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा दी जाएगी. गृह मंत्रालय की उच्च स्तरीय बैठक में ये फैसला लिया गया. चलिए आपको बताते हैं कि ये एसपीजी है क्या और कैसे काम करती है.


- गृह मंत्रालय के अंतर्गत सात सुरक्षाबल आते हैं- सीआरपीफ, सीआईएसएफ, एनएसजी, आईटीबीपी, एसएसबी, बीएसएफ और असम रायफल्स.


- 1984 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या उनके गार्डों ने कर दी थी, इसके बाद सरकार ने पीएम की सुरक्षा के लिए विशेष कैडर बनाने का फैसला किया था.


- पहले इसे स्पेशल प्रोटेक्शन यूनिट कहा जाता थे लेकिन बाद में नाम बदल कर स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप यानि एसपीजी कर दिया गया.



- 1991 में तत्कालीन पीएम राजीव गांधी की हत्या के बाद एसपीजी एक्ट में संशोधन किया गया था.


- इस संशोधन के तहत प्रधानमंत्री के साथ-साथ पूर्व प्रधानमंत्रियों को भी एसपीजी सुरक्षा देने की बात कही गई.


- 1994 और 1999 में भी एसपीजी एक्ट में संशोधन किए गए थे.


- एसपीजी अधिकारी बुलेटप्रूफ जैकेट पहने रहते हैं और उनके पास पिस्टल व ऑटोमैटिक रायफल भी होती है.


- एसपीजी कमांडोज के जूते किसी भी तरह के सरफेस पर फिसलते नहीं हैं और मजबूत ग्रिप देते हैं.



- एसपीजी प्रोटेक्शन फोर्स है, यानि इसका प्राथमिक काम हमला करना नहीं बल्कि वीआईपी की जान बचाना है.


- आपस में एसपीजी के लोग जुड़े रहें इसके लिए खास तरह का इयरपीस ये लोग इस्तेमाल करते हैं.


- एसपीजी फोर्स कैबिनेट सचिवालय के अंतर्गत काम करता है और रक्षा सचिव इसके प्रमुख होते हैं.


- वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक आईपीएस अरुण कुमार सिन्हा एसपीजी के डारेक्टर हैं.