नई दिल्ली: देश की धरती पर इस बार विदेशी मेहमान कम संख्या में पहुंचे हैं. देश में मौजूद बर्ड सेंचुरी में इस बार विदेशी पक्षियों की कम संख्या को लेकर चिंता जताई जा रही है. वहीं, प्रदूषण समस्या और बिगड़ते परिस्थितिकीय संतुलन को इसकी बड़ी वजह मानी जा रहा ही.


हजारों मील का सफर तय करके लाखों विदेशी पक्षी हर साल भारत आते हैं लेकिन बीते कुछ समय से इन पक्षियों को भारती की जमीन रास नहीं आ रही है. हर साल अक्टूबर से इन विदेशी मेहमानों का आना शुरू हो जाता है और इन मेहमान पक्षियों का आना दिसंबर तक जारी रहता है. लेकिन इस बार ऐसा कम ही देखनें को मिल रहा है.


दीपावली के बाद उत्तर भारत और देश के बड़े शहरों में शुरू हुई प्रदूषण की समस्या से पक्षियों की संख्या पर असर पड़ा है. दिल्ली और इसके आसपास के इलाकों में तो प्रदूषण के चलते पक्षी रास्ता ही भटक गए जिस कारण वे पक्षी विहार तक नहीं पहुंच सके.


देश में 62 पक्षी विहार हैं जहां पर हर साल सर्दियों के मौसम में विदेशी पक्षी प्रवास के लिए आते हैं. लेकिन बीते सालों में विदेशों से आने वाले पक्षियों की संख्या में निरंतर गिरावट दर्ज की जा रही है. जानकारों का मानना है कि इसके पीछे मानवीय कारण अधिक हैं. पक्षी विहारों के आसपास नगरीकरण और गंदगी होने जैसे कारणों से विदेशी पक्षियों को वह माहौल नहीं मिल पाता है जिसके लिए वे यहां आते हैं.


विदेशी पक्षियों के कम संख्या में आने की एक वजह अवैध शिकार भी है. विशेषज्ञों का मानना है कि इसके लिए व्यापक स्तर पर कदम उठाए जाने की जरूरत है. छात्रों के साथ-साथ किसानों और ग्रामीणों को भी जागरूक करने की आवश्यकता है. तभी सैलानी पक्षियों की मेजबानी करने का मोका मिलेगा.पक्षियों की घटती संख्या हमारे लिए बेहतर नहीं है. हालांकि, माना जा रहा है कि सर्दी जैसे-जैसे बढ़ेगी पक्षियों की संख्या में बढ़ोत्तरी होगी.


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