Lok Sabha Elections 2024: 'हम चुनाव नहीं कर सकते कंट्रोल', SC की बड़ी टिप्पणी; जानें- EVM-VVPAT केस की सुनवाई से जुड़ी बड़ी बातें
Lok Sabha Elections 2024: ईवीएम-वीवीपैट मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार (24 अप्रैल, 2024) को आदेश सुरक्षित रख लिया.
![Lok Sabha Elections 2024: 'हम चुनाव नहीं कर सकते कंट्रोल', SC की बड़ी टिप्पणी; जानें- EVM-VVPAT केस की सुनवाई से जुड़ी बड़ी बातें EVM-VVPAT Case We can not control Elections says Supreme Court Know Big Points related to hearing Lok Sabha Elections 2024: 'हम चुनाव नहीं कर सकते कंट्रोल', SC की बड़ी टिप्पणी; जानें- EVM-VVPAT केस की सुनवाई से जुड़ी बड़ी बातें](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/04/24/4a5351f4cfac7290a1b34850a2640a271713960537708947_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Lok Sabha Elections 2024: इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम)-वोटर वैरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपैट) से जुड़े मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार (24 अप्रैल, 2024) को बड़ी टिप्पणी की. देश की सबसे बड़ी अदालत की ओर से साफ कर दिया गया कि वह उन चुनावों को नियंत्रित नहीं कर सकती है, जिन्हें कोई और संवैधानिक संस्था कराती है.
जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच ने कहा- हमने ईवीएम से जुड़े फ्रीक्वेंट्ली आस्क्ड क्वेस्चंस (एफएक्यू - अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों) को देखा-समझा. हम बस तीन-चार चीजों पर सफाई चाहते हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि ईवीएम पर एफएक्यू के बारे में निर्वाचन आयोग ने जो उत्तर दिए हैं उनमें कुछ भ्रम हैं.
SC ने EVM को लेकर ECI से मांगी सफाई
सुप्रीम कोर्ट ने इस दौरान ईवीएम की कार्यप्रणाली के कुछ खास पहलुओं पर निर्वाचन आयोग से स्पष्टीकरण भी मांगा और निर्वाचन आयोग के शीर्ष अधिकारी को अपराह्न दो बजे तलब किया. हालांकि, बेंच ने ईवीएम के जरिए डाले गए वोटों का पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपीएटी) के साथ फिर पूर्ण सत्यापन करने से जुड़ी अनुरोध वाली याचिकाओं पर फैसला सुरक्षित रख लिया. सुप्रीम कोर्ट ने निर्वाचन आयोग की ओर से पेश एडिश्नल सॉलिसीटर जनरल एश्वर्या भाटी से कहा,‘‘हम गलत साबित नहीं होना चाहते बल्कि निष्कर्षों को लेकर पूरी तरह से आश्वस्त होना चाहते हैं और इसलिए हमने स्पष्टीकरण मांगने का सोचा.’’
बेंच ने भाटी को वरिष्ठ उप निर्वाचन आयुक्त नितेश कुमार व्यास को अपराह्न दो बजे बुलाने के लिए कहा. नितेश कुमार व्यास ने इससे पहले ईवीएम की कार्यप्रणाली पर अदालत में एक प्रेजेंटेशन दी थी, जिसमें ईवीएम के भंडारण, ईवीएम की नियंत्रण इकाई में माइक्रोचिप और बाकी पहलुओं से जुड़े कुछ बिंदुओं पर बात की गई थी जिनके बारे में कोर्ट ने सफाई मांगी थी.
चुनाव के नियंत्रण पर SC ने क्यों की टिप्पणी?
सुनवाई के दौरान बेंच ने चुनाव आयोग से कुछ सवाल पूछे थे. सवाल-जवाब के दौर के बाद भी याचिकाकर्ता पक्ष के वकीलों ने कई सवाल उठाए. मसलन प्रशांत भूषण ने कहा कि कंट्रोल चिप में फ्लैश मेमोरी भी होती है, जो कि री-प्रोग्रामेबल होती है. चुनाव आयोग के अधिकारी ने इस पर कहा कि निर्वाचन आयोग एक बार के बाद चिप को नष्ट कर देता है.
प्रशांत भूषण ने वीवीपैट चिप के प्रभावित होने की आशंका जताई, जिस पर जस्टिस खन्ना ने याद दिलाया कि चिप की फ्लैश मेमोरी चार मेगाबाइट है और यह सॉफ्टवेयर नहीं, सिंबल रखता है. यह प्रोग्राम नहीं, सिर्फ इमेज फाइल होती है. प्रशांत भूषण आगे बोले कि उसमें गलत सॉफ्टवेयर डाल कर मतदान प्रभावित हो सकता है. जस्टिस दत्ता ने इस पर कहा- ऐसी बात होगी तो उसके लिए भी कानून है. हम पूरे चुनाव को नियंत्रित नहीं कर सकते. उन्हें यह भी याद रखना चाहिए कि चुनाव आयोग एक संवैधानिक संस्था है. वह चुनाव से जुड़ी प्रक्रिया के हर कदम की निगरानी करता है.
यह भी पढ़ेंः सैम पित्रोदा के बयान से बैकफुट पर कांग्रेस! जानें बचाव में प्रियंका गांधी से जयराम रमेश तक ने क्या कहा
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)