मायावती के खास रहे नसीमुद्दीन ने थामा कांग्रेस का हाथ
साल 2017 में विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद मायावती ने पैसों के लेनदेन में गड़बड़ी करने का आरोप लगाते हुए नसीमुद्दीन को पार्टी से निकाल दिया था.
नई दिल्ली: कभी मायावती के बेहद करीबी रहे और बीएसपी के बड़े नेता नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने आज कांग्रेस ज्वाइन कर ली. कांग्रेस मुख्यालय में नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने गुलाम नबी आजाद, राजबब्बर जैसे दिग्गजों की मौजूदगी में कांग्रेस का हाथ थामा.
गलती से कहा 'बसपा में आने के बाद' कांग्रेस ज्वाइन करने के दौरान नसीमुद्दीन सिद्दीकी की जुबान भी फिसल गई. उन्होंने गलती से दो बार कहा दिया कि 'आज बसपा में आने के बाद'.
पैसों की गड़बड़ी का आरोप लगा था साल 2017 में विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद मायावती ने पैसों के लेनदेन में गड़बड़ी करने का आरोप लगाते हुए नसीमुद्दीन को पार्टी से निकाल दिया था.
मायावती का आरोप था कि पश्चिमी यूपी के प्रभारी रहते सिद्दीकी ने उम्मीदवारों से पैसे लिए थे, लेकिन उन्हें पार्टी के फंड में जमा नहीं किया. पिछले साल मई में नसीमुद्दीन सिद्दीकी को उनके बेटे अफजल सिद्दीकी सहित पार्टी से बाहर कर दिया गया था.
कौन हैं नसीमुद्दीन सिद्दीकी? नसीमुद्दीन सिद्दीकी उत्तर प्रदेश में बांदा जिले के सेवरा गांव के रहने वाले हैं. एक समय नसीमुद्दीन सिद्दीकी बसपा सुप्रीमो मायवती के बहुत करीबी थे. वह साल 1988 से यूपी की राजनीति में सक्रिय हैं. यह साल 1991 में पहली बार विधायक चुने गए थे. जब मायावती साल 1995 में पहली बार सीएम बनीं थी तो नसीमुद्दीन को कैबिनेट मंत्री बनाया गया था.
13 मई साल 2007 से सात मार्च 2012 तक मायावती सरकार में भी वह मंत्री बने थे. सिद्दकी की पहचान पार्टी में सबसे बड़े मुस्लिम नेता के रूप में थी. मायावती जब प्रदेश की मुख्यमंत्री थी तब नसीमुद्दीन सिद्दीकी कई अहम विभागों के मंत्री थे. वह बीएसपी के राष्ट्रीय महासचिव रह चुके हैं.